देश में इस दिन 2001 को आतंकवादी हमले में संसद भवन की रक्षा करते हुए, शहीदों ने अपने प्राण दे दिए थे संसद भवन की रक्षा करते हुए अपने जीवन का त्याग किया था। सम्पूर्ण देश आज उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है
राज्य सभा की संसद सुरक्षा सेवा के दो व्यक्ति, पांच दिल्ली पुलिस कार्मिक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कॉन्स्टेबल ने संसद भवन भवन के अंदर आतंकवादियों के प्रवेश को रोकने के दौरान इस दिन अपनी जान देश पर न्यौछावर कर दी थी। सीपीडब्ल्यूडी के एक माली ने भी हमले में अपना जीवन खो दिया।
2001 के भारतीय संसद हमले 13 दिसंबर ,2001 को नई दिल्ली में भारत की संसद में एक आतंकवादी हमले हुआ , जिसमें आतंकवादी संगठन अपराधी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जयश-ए-मोहम्मद (जेएम) शामिल थे।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि आतंकवादियों से संसद की रक्षा करते हुए भारत उन शहीदों को कृतज्ञता से याद करता है। एक ट्वीट में, श्री कोविंद ने कहा कि नफरत और आतंकवाद की ताकतों ने भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों को लक्षित करने का प्रयास किया , लेकिन सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों को कभी सफल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
राज्य सभा की संसद सुरक्षा सेवा के दो व्यक्ति, पांच दिल्ली पुलिस कार्मिक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कॉन्स्टेबल ने संसद भवन भवन के अंदर आतंकवादियों के प्रवेश को रोकने के दौरान इस दिन अपनी जान देश पर न्यौछावर कर दी थी। सीपीडब्ल्यूडी के एक माली ने भी हमले में अपना जीवन खो दिया।
2001 के भारतीय संसद हमले 13 दिसंबर ,2001 को नई दिल्ली में भारत की संसद में एक आतंकवादी हमले हुआ , जिसमें आतंकवादी संगठन अपराधी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जयश-ए-मोहम्मद (जेएम) शामिल थे।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि आतंकवादियों से संसद की रक्षा करते हुए भारत उन शहीदों को कृतज्ञता से याद करता है। एक ट्वीट में, श्री कोविंद ने कहा कि नफरत और आतंकवाद की ताकतों ने भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों को लक्षित करने का प्रयास किया , लेकिन सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों को कभी सफल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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