डोईवाला;
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में आयोजित एक दिवसीय प्रिंसिपल कॉन्क्लेव में देहरादून, हरिद्वार जिले से 55 प्रिंसिपल ने प्रतिभाग किया। अकादमिक शिल्प कौशल थीम पर आधारित कॉन्क्लेव में वक्ताओं ने स्कूली स्तर पर छात्रों की प्रतिभा पहचानने पर बल दिया।
शनिवार को नर्सिंग ऑडिटोरियम में आयोजित प्रिंसिपल कॉन्क्लेव का शुभारंभ प्रति कुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान ने स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान आयोजित सत्र छात्रों का स्कूल से कॉलेज में प्रवेश पर वक्ताओं ने कहा कि यह एक ऐसा समय होता है जब छात्र के मन में प्रश्न होते है कि वह किस कोर्स का चुनाव करें, कहां प्रवेश ले। यहां पर विद्यालय व अभिभवकों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण हो जाती है। विद्यालय छात्र की प्रतिभा को पहचाने और अभिभवकों को अवगत कराये, जिससे छात्र को चुनाव में में परेशानी नहीं होगी। वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं में शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा को पढ़ाने पर भी बल दिया। मुख्य अतिथि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य विद्यालय व विश्वविद्यालय की अपेक्षाओं के मध्य सामंजस्य स्थापित करना है। उन्होंने सम्मेलन में पहुंचे आसपास क्षेत्र के सभी शासकीय विद्यालयों के प्राधानाचार्योंं से आह्वान किया कि जिन विद्यालयों में सांसाधनों का अभाव है, वहां के छात्र विश्वविद्यालय में उपलब्ध आधुनिक लैबों का निशुल्क इस्तेमाल कर सकते है। दूसरे सत्र में सभी इस बात पर एकमत नजर आये कि वर्तमान पीढ़ी तकनीकी रूप से अधिक सुदृढ़, जरूरत है उसे सही दिशा प्रदान करने की। आखिर में श्वेता सेठी ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। डॉ. रजत डिमरी के संचालन में चले कार्यक्रम में रजिस्ट्रार नलिन भटनागर, सीआरआई निदेशक डॉ. सुनील सैनी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वाईएस बिष्ट, डीन मेडिकल डॉ. मुश्ताक अहमद, डीन रिसर्च उमा भारद्वाज, ऋचा शर्मा, अभिषेक खाली, कवि सुंदरियाल आदि मौजूद रहे।
एक टिप्पणी भेजें