ऋषिकेश :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के आर्थो विभाग ने घुटने के ट्यूमर से ग्रसित एक 19 वर्षीय युवती की सफलता पूर्वक सर्जरी कर उसके पैर को कटने से बचा लिया। संस्थान में इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कैंसर विभाग की सहायता भी ली गई। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने अत्यधिक जटिल ऑपरेशन को सफल बनाने वाली चिकित्सकीय टीम की सराहना की है। एम्स निदेशक ने बताया कि ऐसी सर्जरी राज्य के सामान्य राजकीय चिकित्सालयों में नहीं हो पाती। निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान में हड्डी के कैंसर की यह पहली जटिल सर्जरी है। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है कि एम्स संस्थान में हड्डियों से जुड़ी सभी प्रकार की सर्जरी संभव है।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों को वल्र्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। एम्स के हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों ने विभागाध्यक्ष डा.शोभा एस.अरोड़ा की देखरेख में कैंसर ग्रस्त घुटने की हड्डी की जटिल सर्जरी में सफलता हासिल की है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.तरुण गोयल ने बताया कि टिहरी गढ़वाल निवासी एक 18 वर्षीय युवती की घुटने की हड्डी कैंसर से ग्रसित थी,जिससे घुटने में अत्यधिक सूजन व असहनीय दर्द की वजह से पिछले छह माह से चल नहीं पा रही थी और न ही अत्यधिक गरीब पृष्ठभूमि के कारण वह अपना उपचार करा पा रही थी।
युवती कुछ दिन पहले इलाज के लिए एम्स संस्थान में पहुंची। सिटी स्केन, एमआरआई व वायस्पी परीक्षण में उसके घुटने में अत्यधिक बड़े आकार का ट्यूमर निकला। लिहाजा युवती का पैर कटने से बचाने के लिए ओंकोलॉजी विभाग की सहायता ली गई। कैंसर विभाग के डा.राजेश पसरीचा द्वारा उसकी कीमोथैरेपी कर ट्यूमर का साईज आधा किया गया। ऐसा नहीं किया जाता तो उसके पैर को काटना पड़ता।
इसके बाद आर्थो विभाग द्वारा जटिल ऑपरेटर से कैंसर ग्रसित घुटने की हड्डी को निकाल दिया और उसके स्थान पर कृत्रित हड्डी का प्रत्यारोपण किया गया, डा.तरुण गोयल ने बताया कि युवती अपने पैरों से सामान्य तौर पर चल फिर पा रही है, फिलहाल वह एम्स अस्पताल में भर्ती है। जिसे जल्दी ही छुट्टी दे दी जाएगी। जबकि रोगी की कीमोथैरेपी अभी लगातार जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर रोगी को संस्थान से मदद भी दी गई है। चिकित्सकीय टीम में सीटीवीएस विभाग के डा.अंशुमन दरबारी, एनेस्थीसिया डा.पवन कुमार जैन ,सीनियर रेजिडेंट हार्दिक,सौविक,आरघो आदि शामिल थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के आर्थो विभाग ने घुटने के ट्यूमर से ग्रसित एक 19 वर्षीय युवती की सफलता पूर्वक सर्जरी कर उसके पैर को कटने से बचा लिया। संस्थान में इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कैंसर विभाग की सहायता भी ली गई। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने अत्यधिक जटिल ऑपरेशन को सफल बनाने वाली चिकित्सकीय टीम की सराहना की है। एम्स निदेशक ने बताया कि ऐसी सर्जरी राज्य के सामान्य राजकीय चिकित्सालयों में नहीं हो पाती। निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान में हड्डी के कैंसर की यह पहली जटिल सर्जरी है। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है कि एम्स संस्थान में हड्डियों से जुड़ी सभी प्रकार की सर्जरी संभव है।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों को वल्र्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। एम्स के हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों ने विभागाध्यक्ष डा.शोभा एस.अरोड़ा की देखरेख में कैंसर ग्रस्त घुटने की हड्डी की जटिल सर्जरी में सफलता हासिल की है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.तरुण गोयल ने बताया कि टिहरी गढ़वाल निवासी एक 18 वर्षीय युवती की घुटने की हड्डी कैंसर से ग्रसित थी,जिससे घुटने में अत्यधिक सूजन व असहनीय दर्द की वजह से पिछले छह माह से चल नहीं पा रही थी और न ही अत्यधिक गरीब पृष्ठभूमि के कारण वह अपना उपचार करा पा रही थी।
युवती कुछ दिन पहले इलाज के लिए एम्स संस्थान में पहुंची। सिटी स्केन, एमआरआई व वायस्पी परीक्षण में उसके घुटने में अत्यधिक बड़े आकार का ट्यूमर निकला। लिहाजा युवती का पैर कटने से बचाने के लिए ओंकोलॉजी विभाग की सहायता ली गई। कैंसर विभाग के डा.राजेश पसरीचा द्वारा उसकी कीमोथैरेपी कर ट्यूमर का साईज आधा किया गया। ऐसा नहीं किया जाता तो उसके पैर को काटना पड़ता।
इसके बाद आर्थो विभाग द्वारा जटिल ऑपरेटर से कैंसर ग्रसित घुटने की हड्डी को निकाल दिया और उसके स्थान पर कृत्रित हड्डी का प्रत्यारोपण किया गया, डा.तरुण गोयल ने बताया कि युवती अपने पैरों से सामान्य तौर पर चल फिर पा रही है, फिलहाल वह एम्स अस्पताल में भर्ती है। जिसे जल्दी ही छुट्टी दे दी जाएगी। जबकि रोगी की कीमोथैरेपी अभी लगातार जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर रोगी को संस्थान से मदद भी दी गई है। चिकित्सकीय टीम में सीटीवीएस विभाग के डा.अंशुमन दरबारी, एनेस्थीसिया डा.पवन कुमार जैन ,सीनियर रेजिडेंट हार्दिक,सौविक,आरघो आदि शामिल थे।
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