कार्यस्थल
पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी और
संस्थागत ढांचे की जांच के लिए केंद्र ने मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन
किया है।एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीओएम की अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। सड़क
परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी समूह के सदस्य होंगे। अपने
संविधान के तीन महीने के भीतर, जीओएम महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौजूदा
प्रावधानों की जांच करेगा और आगे के उपायों की सिफारिश करेगा।रिहाई
में यह भी कहा गया है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक इलेक्ट्रॉनिक
शिकायत बॉक्स लॉन्च किया है जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी
आवाज उठाने के लिए महिलाओं को उनकी कार्य स्थिति के बावजूद सक्षम बनाता है।एक
बार शिकायत 'SHE-Box' को जमा कर दी जाती है, तो इसे सीधे संबंधित
प्राधिकारी को भेजा जाता है जिसमें अधिकार क्षेत्र में इस मामले में
कार्रवाई करने के लिए अधिकार होता है। शिकायतों पर किए गए कदम की नियमित निगरानी करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा।
क्या है she box, कैसे इस्तेमाल करें
भारत सरकार ने महिलाओं के लिए लैंगिक उत्पीाड़न से
मुक्त सुरक्षित और संरक्षित कार्य-स्थलल बनाए जाने के उद्देश्यल से
''महिलाओं का कार्य-स्थओल पर लैंगिक उत्पीकड़न से संरक्षण (निवारण,
प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम (लैंगिक उत्पी'ड़न अधिनियम), 2013 बनाया है ।
यह अधिनियम संगठित और असंगठित दोनों प्रकार के क्षेत्रों में कार्यरत
महिलाओं पर लागू है और इसमें महिलाओं की शिकायतों के निपटान के लिए निराकरण
तंत्र की स्थापना का प्रावधान है ।
यह अधिनियम अपनी व्यानपकता के कारण अद्वितीय है ।
इसके अंतर्गत चाहे संगठित क्षेत्र में अथवा असंगठित क्षेत्र में, सार्वजनिक
अथवा निजी क्षेत्र में, पदानुक्रम को ध्या न में रखे बिना किसी भी पद पर
कार्यरत सभी महिलाएं शामिल हैं । घरेलू नौकरानियां भी इस अधिनियम के
अंतर्गत शामिल हैं ।
अधिनियम में 'कार्यस्थएल पर लैंगिक उत्पीरड़न' को
व्याापक तरीके से परिभाषित किया गया है । किसी महिला को प्रत्याक्ष अथवा
अप्रत्य क्ष रूप से नौकरी का वायदा करना अथवा नौकरी से हटाए जाने की धमकी
देना अथवा महिला के लिए कार्य करने का प्रतिकूल वातावरण बनाना या उसके साथ
अपमानजनक व्यवहार करना, जिसमें उसके स्वाकस्य्रन या सुरक्षा पर
दुष्प्र्भाव पड़े, लैंगिक उत्पीड़न है । ब्यौसरे के लिए कृपया पोर्टल पर
अपलोड किए गए 'बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न्' पढें ।
यह लैंगिक उत्पीड़न इलैक्ट्रॉंनिक बॉक्सक
(शी-बॉक्सक) प्रत्येेक महिला को, चाहे वह किसी भी पद पर कार्यरत हो और चाहे
वह संगठित अथवा असंगठित, निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य करती हो,
लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करने के
लिए एकल खिड़की पहुंच प्रदान करने का भारत सरकार का एक प्रयास है ।
कार्यस्थैल पर लैंगिक उत्पीसड़न का सामना करने वाली कोई भी महिला इस पोर्टल
के माध्यतम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है । एक बार 'शी-बॉक्सा' में
शिकायत दर्ज करने के पश्चाकत यह शिकायत सीधे उस संबंधित प्राधिकारी को भेज
दी जाएगी, जिसके अधिकार क्षेत्र में उस मामले में कार्रवाई करना आता है।
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