अयोध्या में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता का शुभारम्भ, चित्रकला प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियों ने सहभाग कर दीवारों पर 200 से अधिक सुन्दर आध्यात्मिक एवं देवी-देवताओं के चित्र बनाये।
अयोध्या में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता का शुभारम्भ महंत नृत्य गोपालदास महाराज, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, महंत सुरेशदास , महंत रामदास , श्री राजकुमार दास वेदान्ती , श्री मनमोहन दास , श्री भरत दास और अन्य पूज्य संत ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने अयोध्या में भगवान श्री राम चन्द्र जी के दर्शन किये तथा राम मन्दिर के शीघ्र निर्माण हेतु ,राम जन्मभूमि आन्दोलन के वरिष्ठ महापूरूष महंत नृत्य गोपालदास महाराज से विशद चर्चा की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि तम्बू के बैठे श्री राम भगवान को देखकर आंखे नम हो गयी, अयोध्या में राममन्दिर जरूर बनना चाहिये क्योकि यह भगवान का प्राकट्य स्थान है।
राम जन्मभूमि व्यवस्था का नहीं आस्था का विषय है। मक्का में; विटिकन में और इजरायल में इस तरह की कोई सम्भावनायें व्यक्त की जा सकती है। राम जन्म स्थान किसी व्यवस्था पर नहीं बल्कि आस्था पर केन्द्रित है अतः इसका समाधान संत और संविधान दोनों से सम्मत होना चाहिये।
चित्रकला प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि चित्रकला हमें भारत के प्राचीन इतिहास से जोड़ती है यह हमारे राष्ट्र की अत्यंत प्राचीन विधा है यह हमारी अलंकृृृृत कला है। चित्रकला हमारे गौरवशाली इतिहास को उजागर करती है। उन्होने युवाओं को चित्रकला से जुड़ने तथा पर्यावरण संरक्षण से प्रेरित कलाकृतियों के निर्माण हेतु पे्ररित किया।
इस अवसर पर श्री अशोक गिन्नी, अयोध्या मेयर श्री ऋषिकेश उपाध्याय , श्री शान्तनु , श्री पुष्कर , श्रीमती मीनाक्षी जैन प्रसिद्ध चित्रकला करने वाले कर्णाचार्य , सुश्री नन्दिनी , आचार्य दीपक शर्मा एवं अनेक प्रांतों से आये प्रतिभागियों एवं पूज्य संतों ने सहभाग किया।
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