डोईवाला ,देहरादून से न्यू टिहरी और फिर लंदन तक दीपक का सफर ---
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में फ़ॉर फिंगर पुशअप केटेगरी में 01 मिनट में 70 दंड लगाने वाले दीपक शर्मा ने उत्तराखंड समेत पूरे देश का नाम रोशन किया है।फिलहाल दीपक शर्मा बौराड़ी में एशियन डेवलोपमेन्ट बैंक , लोनिवि में कार्यरत है।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का वीडियो देखिये
दीपक ने ये मुकाम यूँ ही हासिल नही किया है। उनकी माता श्रीमती कमलेश ने अपने पुत्र की उपलब्धि पर बताया कि दीपक को किसी प्रकार 8 वी कक्षा पास कराकर हमने हाथ जोड़ लिए थे कि मजदूर माँ - बाप उसे आगे नही पढ़ा सकते । वह अब कुछ काम कर ले।दीपक ने हौंसला नही छोड़ा , दुकानों में काम किया और पढ़ाई भी की। अनवरत बी कॉम तक यही सिलसिला चलता रहा।
खेल कूद में अव्वल आनेवाला दीपक बड़े सपने देख रहा था, उसे सेना में कमांडो बनना था। कमांडो की परीक्षा में रेगुलर प्रैक्टिस, और पढाई सब के साथ तैयारी से इम्तिहान देकर दीपक पास हुआ। परंतु मेडिकल में पास न हो सका। मन मसोस कर पुनः प्रयास किया,परंतु असफल रहा। हिम्मत से नाता जोड़े रखकर दीपक ने आखिर नौकरी ज्वाइन कर ली और उसका मन यही सोचता रहा कि उसे कुछ तो करना है।
अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड की झलक उसे बेताब कर गयी और उसने ठान लिया कि गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना ही है। इसके लिए उसे प्रैक्टिस की जरूरत थी मगर काम के साथ प्रैक्टिस कैसे हो? जो नौकरी उसे दो जून की रोटी नही दे पा रही थी , जो उसे सर ओर छत नही दे रही थी। उसमें कैसे गुजारा करे?
टिहरी में उनके जज्बे को देखकर टिहरी में ही श्री गौतम बिष्ट ने उन्हें सहयोग किया और इसी प्रकार राजीव रावत और जिम के मालिक भूपेंद्र रावत की सहायता से पूरी टीम बना कर, अपना वीडियो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा। और उसी का परिणाम है कि मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के दीपक शर्मा के वर्ल्ड रिकॉर्ड में टिहरी का नाम दर्ज़ है.
उनका वीडियो देखकर और गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनके नाम की पुष्टि 13 अप्रैल,2018 को तब हुई जब उन्हें ईमेल आया कि वे गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके है।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का वीडियो देखिये
दीपक ने ये मुकाम यूँ ही हासिल नही किया है। उनकी माता श्रीमती कमलेश ने अपने पुत्र की उपलब्धि पर बताया कि दीपक को किसी प्रकार 8 वी कक्षा पास कराकर हमने हाथ जोड़ लिए थे कि मजदूर माँ - बाप उसे आगे नही पढ़ा सकते । वह अब कुछ काम कर ले।दीपक ने हौंसला नही छोड़ा , दुकानों में काम किया और पढ़ाई भी की। अनवरत बी कॉम तक यही सिलसिला चलता रहा।
खेल कूद में अव्वल आनेवाला दीपक बड़े सपने देख रहा था, उसे सेना में कमांडो बनना था। कमांडो की परीक्षा में रेगुलर प्रैक्टिस, और पढाई सब के साथ तैयारी से इम्तिहान देकर दीपक पास हुआ। परंतु मेडिकल में पास न हो सका। मन मसोस कर पुनः प्रयास किया,परंतु असफल रहा। हिम्मत से नाता जोड़े रखकर दीपक ने आखिर नौकरी ज्वाइन कर ली और उसका मन यही सोचता रहा कि उसे कुछ तो करना है।
अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड की झलक उसे बेताब कर गयी और उसने ठान लिया कि गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना ही है। इसके लिए उसे प्रैक्टिस की जरूरत थी मगर काम के साथ प्रैक्टिस कैसे हो? जो नौकरी उसे दो जून की रोटी नही दे पा रही थी , जो उसे सर ओर छत नही दे रही थी। उसमें कैसे गुजारा करे?
टिहरी में उनके जज्बे को देखकर टिहरी में ही श्री गौतम बिष्ट ने उन्हें सहयोग किया और इसी प्रकार राजीव रावत और जिम के मालिक भूपेंद्र रावत की सहायता से पूरी टीम बना कर, अपना वीडियो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा। और उसी का परिणाम है कि मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के दीपक शर्मा के वर्ल्ड रिकॉर्ड में टिहरी का नाम दर्ज़ है.
उनका वीडियो देखकर और गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनके नाम की पुष्टि 13 अप्रैल,2018 को तब हुई जब उन्हें ईमेल आया कि वे गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके है।
दीपक के पिता ओमप्रकाश शर्मा और माता कमलेश शर्मा सहित उनके भाई और बहिन भी उनकी इस उपलब्धि पर बहुत खुश है। उनकी माँ का तो यहां तक कहना है कि दीपक के कारण हमारा सर गर्व से ऊंचा हो गया है, परन्तु इसमें हमारा कुछ भी सहयोग नही है।
दीपक के हौंसलों की उफान थमनेवाली नही है अब वह नकल पुशअप और थम्ब पुशअप, वाल मेंटेनेंस का रिकॉर्ड भी तोड़ने की तैयारी में जुटे है।
दीपक शर्मा को पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बधाई दी और उन्हें सहयोग करने का आश्वासन भी दिया है।
दीपक के हौंसलों की उफान थमनेवाली नही है अब वह नकल पुशअप और थम्ब पुशअप, वाल मेंटेनेंस का रिकॉर्ड भी तोड़ने की तैयारी में जुटे है।
दीपक शर्मा को पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बधाई दी और उन्हें सहयोग करने का आश्वासन भी दिया है।
दीपक की इच्छा है कि सरकार उन्हें मदद देगी , तो वे पर्वतारोहण में भी रिकॉर्ड बनाने की चाहत रखते है। उनकी नौकरी से उन्हें पर्याप्त तैयारी के लिए सहायता नही मिल पाती है। दीपक का कहना है कि टिहरी के लोगों के ,वे बहुत आभारी है, उनके सहयोग से ही उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का साहस मिला है। जिम के मालिक और स्कूल के प्रधानाचार्य का उन्होंने शुक्रिया अदा किया है।
यदि दीपक को आर्थिक सहायता मिली तो निश्चय ही वः और नए मुकाम हासिल कर सकेंगे और देश का नाम रोशन कर पाएंगे।
यदि दीपक को आर्थिक सहायता मिली तो निश्चय ही वः और नए मुकाम हासिल कर सकेंगे और देश का नाम रोशन कर पाएंगे।
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