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रुद्रप्रयाग;
भूपेंद्र भण्डारी
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में शुभारंभ हो गया है।
 ब्लाक प्रमुख अगस्त्यमुनि व जिलाधिकारी ने योजना का शुभारंभ किया और देश की पहली गोल्डन कार्ड धारक महिला तारा देवी को प्रमाण पत्र दिया। 
योजना से जिले में 6 हजार ग्रामीण व 4 सौ शहरी क्षेत्रों के लाभार्थी लाभान्वित होंगे। जिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने बताया कि पूरे देश में पहला पंजीकरण रुद्रप्रयाग जनपद से हुआ है ।
और योजना के जरिये अब इलाज के दौरान कैशलेस सुविधा सभी चयनित छोटे बडे अस्पतालों में मिल पायेगी। योजना के शुभारंभ के बाद जिला अस्पताल परिसर में पौधों का भी रोपण किया गया।



रुद्रप्रयाग में गणेश चर्तुदशी की धूम--

पहली बार भगवान गणेश प्रतिमा के साथ नगर में भब्य शोभायात्रा निकाली गयी। गणपति बापा मोरया के जयकारों के बीच वाध्य यन्त्रों पर झूमते हुए भब्य शोभायात्रा निकाली गयी। सच्चिदानन्द नगर, आर्मी कैन्ट, सुविधा नगर, हनुमान चैक, न्यू मार्केट, बेलनी, संगम बाजार होते हुए शोभायात्रा संगम तट पर पहुंची जहंा विधिविधान के साथ प्रतिमा का विर्सजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं, बच्चे व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

पशुओं में खुरपका व मुंहपका रोग से बचाव के लिए प्रयास अभी से---

पशुओं में खुरपका व मुंहपका रोग न फैले इसके लिए जिले का पशुपालन विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है। अकसर विभाग पशुपालकों द्वारा पाले जाने वाले गाय व भैसों तक ही अपने अभियान को सीमित रखता है मगर इस बार विभाग घुमन्तू पशुओं का भी टीकाकरण कर रहा है। रुद्रप्रयाग शहर में करीब 30 से 40 घुमन्तू पशु हैं साथ ही पूरे जनपद में इनकी तादाद सैकडों में है, विभाग का मानना है कि ऐसे पशुओं के जरिये ही अधिकतर बीमारियां फैलती हैं समय पर इन पशुओं का टीकाकरण किया जाय तो बीमारियों पर रोकथाम लग सकती है। इसके लिए पूरे जनपद में 9 टीमें गठित की गयी हैं और टीमें घर-घर व शहरों में जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है अधिकांश पशु पालक इन जानवरों द्वारा दूघ न दिये जाने या फिर किसी बीमारी से ग्रसित हो जाने से बाजारों में छोड देते हैं और प्रशासन द्वारा जानवरों के लिए बाडे न बनाये जाने के कारण ये पशु घूमते ही रहते हैं। साथ ही जानवरों का टैगीकरण न होने के कारण इनकी सही पहचान भी नहीं हो पाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रत्येक जानवर को टैग लगाया जाय और जिस ब्यक्ति द्वारा जानवरों को ऐसे छोडा जाता है उनके विरुद्व कार्यवाही की जाय तो इस समस्या से निपटा जा सकता है।

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