ऋषिकेश;
एम्स से निष्कासित कर्मचारियों ने अनिश्चतकालीन धरने को तेरवां दिन क्रमिक अनशन के दौरान पूर्व दिन में हुए उपजिलाधिकारी के आश्वाशन के अनुसार कर्मचारी युवाओं का एक प्रतिनिधि मंडल उपजलाधिकारी के साथ एम्स निदेशक से वार्तालाप के लिए पहुंचा |
जिसमे अपनी मांग को रखते हुए उन्होंने कहा कि आपके द्वारा निकलने पर हमारी आर्थिक व मानसिक स्थिति पर कुप्रभाव पढ़ा है ।
अतः बहाली करने की कृपा करें ।परन्तु निदेशक ने केंद्रीय नीति का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। निदेशेक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य सरकार का कोई भी हस्तक्षेप हमें बर्दाश नही है।
हां,अगर राज्य सरकार उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, अपने पक्ष को केंद्र सरकार के सामने रखकर उत्तराखंड के लिए ऋषिकेश एम्स में कोटे की सहमति प्रदान करवाते है तो सभी युवा रोजगार पुनः नोकरी पर रख सकते है |
दूसरी तरफ युवाओं का प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उक्त वार्तालाप के बाद यदि राज्य सरकार हमारे भविष्य को ध्यान में लेते हुए केंद्र में उत्तराखंड के कोटे की सहमति लेती है तो यह विनती अत्याधिक सहरानीय होगी व हम सरकार और प्रशासन के सदैव आभारी रहेंगे !
धरना स्थल पर अमित कंडियाल, अजय बिष्ट ,शैलेंद्र पंवार , देवेश बहुगुणा ,पंकज, चंदन रावत, सुमेर सिंह ,दीपक रयाल, गौरव केन्थुला, सौरभ रानकोटी,आशीष बलोनी, गीताराम उनियाल,आदि मौजूद रहे!
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