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नैनीताल;
रामनगर स्थित कोर्ट परिसर के बाहर  01 सितम्बर को
करीब 1 बजकर 05 मिनट पर  दिन में बी0डी0सी0 मेम्बर वीरेंद्र मनराल पुत्र स्वर्गीय शिव सिंह निवासी मदनपुर छोई रामनगर की किसी व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
मृतक के भाई दीवान सिंह मनराल द्वारा थाना रामनगर में अपने भाई की हत्या के संबंध में देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ, सोनू कांडपाल, संजय नेगी तथा हरीश फर्त्याल के विरुद्ध तहरीर दी गई।
जिसके आधार पर थाना रामनगर में मुकदमा अपराध संख्या- 220/18 धारा 302/120 बी भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत बनाम देवेंद्र सिंह आदि के विरुद्ध मुकदमा  पंजीकृत किया गया।
पुलिस द्वारा उक्त घटनाक्रम के संबंध में कोर्ट परिसर के बाहर जांच तथा पूछताछ पर यह बात प्रकाश में आयी कि दिनांक 1 सितंबर 2018 को मृतक वीरेंद्र मडराल तथा देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ वर्ष 2016 में हेमंत फर्त्याल की हत्या के मुकदमे की तारीख में माननीय न्यायालय रामनगर में आए थे ।
हेमंत फर्त्याल की हत्या के उपरांत देवेंद्र सिंह उर्फ तथा वीरेंद्र मनराल के बीच आपस में मतभेद हो गया था जिस कारण दोनों के बीच टकराव चल रहा था ।
इसी क्रम में देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ को वर्ष 2017 में बाजपुर पुलिस द्वारा भी उसके एक अन्य साथी के साथ मय अस्लाह सहित गिरफ्तार किया गया था।
1 सितंबर 2018 को मृतक विरेंद्र मंनराल ने। माननीय न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी हाजिरी लगाई गई थी ।परंतु देवेंद्र सिंह उर्फ उर्फ बाऊ द्वारा माननीय न्यायालय में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई।
जांच के  दौरान, यह बात  भी सामने आई जब मृतक वीरेन्द्र मनराल अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर बाहर कार पार्किंग में अपनी कार में बैठने के लिए आया तो वहां पहले से छुपे देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ ने पीछे से उस पर गोली चला दी तथा अपने दो अन्य साथियों के साथ अपनी आल्टो कार संख्या-यू0के0-04 डब्ल्यू-2389 से मौके से भाग गया
घटना की सूचना पर तुरंत पुलिस द्वारा घेराबंदी की कार्रवाई की गई तो अभियुक्त देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ अपनी कार को पानी की टंकी कोटद्वार रोड के पास छोड़ कर अपने साथियों के साथ जंगल की ओर भाग गया ।
अभियुक्त गणों की तलाश हेतु पुलिस टीम द्वारा बिजरानी के जंगलों में वन विभाग के साथ मिलकर सघन तलाशी ली गई। किंतु अभियुक्त गणों की गिरफ्तारी हेतु श्री जन्मेजय खंडूरी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल महोदय के निर्देशन में श्री लोकजीत सिंह क्षेत्राधिकारी रामनगर के पर्यवेक्षण में श्री विक्रम सिंह राठौर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रामनगर के नेतृत्व में टीम श्री विक्रम सिंह राठोर प्रभारी निरीक्षक रामनगर, वरिष्ठ उप निरीक्षक श्री कश्मीर सिंह, श्रीविपिन चंद्र जोशी चैकी प्रभारी पीरूमदारा, श्री सुशील चंद्र जोशी चैकी प्रभारी बैलपड़ाव, श्री मुनव्वर हुसैन चैकी प्रभारी मालधन,एचसीपी नंदन सिंह नेगी, कांस्टेबल संजय कुमार, कांस्टेबल एजाज अहमद,कांस्टेबल लक्खा सिंह एस0ओ0जी0 सर्विलांस टीम* श्री दिनेश चंद्र पंत प्रभारी एसओजी नैनीताल, हेड कांस्टेबल सतेन्द्र गंगोला, कॉन्स्टेबल कुंदन कठैत, कांस्टेबल अनिल, कांस्टेबल गुणवंत द्वारा बनाकर टीम बनाकर अलग-अलग स्थानों पर अभियुक्त गणों की तलाशी हेतु रवाना किया गया तथा जनपद की एसओजी को भी रामनगर बुलाकर अभियुक्त गणों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया।
अंततः, आज दिनांक 4 सितंबर 2018 को प्रभारी निरीक्षक रामनगर को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि आज अभियुक्त देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ अपने साथियों के साथ बैलपडांव स्थित अपने घर पर पैसे तथा अपना सामान लेने आया है तो प्रभारी निरीक्षक रामनगर द्वारा मय पुलिस फोर्स के अभियुक्त देवेंद्र सिंह के घर पर दबिश देकर घटना के समय मौजूद तीनों अभियुक्त गणों -देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ पुत्र सुरजीत सिंह निवासी एच0सी0 पेट्रोल पंप के पास बैलपड़ाव तहसील रामनगर नैनीताल , गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी पुत्र मेजर सिंह निवासी बन्दरजूड़ा तल्ला बैलपड़ाव थाना कालाढूंगी और  दर्शन सिंह पुत्र दिलबाग सिंह निवासी अलीगंज रोड बांसखेड़ा थाना आईटीआई काशीपुर उधमसिंह नगर को 1 बजकर 05 मिनट पर  गिरफ्तार किया। गया।
अभियुक्त देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ से पूछताछ पर उसके द्वारा बताया गया कि मृतक वीरेंद्र मनराल द्वारा वर्ष 2016 में हेमंत फर्त्याल की हत्या करने के लिए, उसे पैसे देने की बात कही थी।
परंतु जब हेमंत फर्त्याल की हत्या की गई तो वीरेंदर मनराल ने पैसे देने से इंकार कर दिया देवेंद्र सिंह द्वारा वीरेंद्र मनराल से कई बार पैसे देने को कहा तो वीरेंद्र मनराल उससे मना करता रहा और धमकी देने लगा कि अगर तू पैसे की मांग करेगा तो मैं तुझे मरवा दूंगा। अभियुक्त देवेंद्र उर्फ बाऊ द्वारा बताया कि हेमंत फर्त्याल की हत्या करने के उपरांत  वह जेल में रहने तथा जमानत करने पर उसके घर वालों द्वारा अपना प्लॉट तक बेचना पड़ा जिससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी ।
वीरेंद्र मनराल द्वारा धमकी देने के कारण ही उसने  वीरेंद्र मनराल को मारने की ठान ली।  देवेंद्र उर्फ बाऊ कई बार वीरेंद्र मनराल को मारने का प्लान बनाया गया परंतु वीरेंद्र मनराल के अकेले ना होने के कारण घटना को अंजाम नही दे सका।
दिनांक 1 सितंबर 2018 को सोनू कांडपाल द्वारा अभियुक्त देवेंद्र उर्फ को बताया गया कि आज वीरेन्द्र मनराल कोर्ट में अकेले आने वाला है तो मैं अपने साथियों के साथ कोर्ट पहुंच गया था तथा कोर्ट में मैंने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई ।जब वीरेंद्र मनराल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद वापस कार  पार्किंग में आया तो मैंने पीछे से उसे गोली मार दी।
और अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर अपनी कार टंकी के पास छोड़ कर जंगल की ओर भाग गया। अभियुक्त गणों द्वारा एक राय होकर मृतक विरेंद्र मनराल की हत्या की गई जिस कारण अभियोग- में धारा 34 की वृद्धि की गई है

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