रुड़की;
गोविन्द गोपाल कौशिक सामाजिक आर टी आई कार्यकर्ता की अनिश्चित कालीन अन-जल-नींद त्याग तपस्या के 11 दिन बाद भी उन्हें शासन प्रशासन सहित कहीं से न्याय की आस नही है। न जल त्याग चुके, गोपाल का इस तंत्र के खिलाफ विरोध है।
गोविन्द गोपाल कौशिक सामाजिक कार्यकर्ता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जागरूक जनता ट्रस्ट एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता आज केंडिल मार्च निकालेंगे। और सरकार से न्याय की मांग करेंगे।
गोविन्द गोपाल कौशिक का कहना है कि उनका दोष यही है कि उन्होंने आबकारी विभाग के खिलाफ आवाज़ उठाई। उनका वाहन तक वापिस देने में पुलिस और शासन ने सहयोग नही किया। उल्टा उन पर मुकदमा करने तक कि बात कही गयी।
उन्होंने अनेको पत्र सोशल मीडिया और अन्य माध्यमो के द्वारा पुलिस और शासन तक पंहुचाये। अंततः उन्हें अनशन का व्रत लेना पड़ा।परंतु 11 दिनों तक भी उनकी सुध लेने कोई नही पंहुचा जबकि उनके स्वास्थ्य में गिरावट जारी है।
सवाल ये है क्या एक समाजसेवी व्यक्ति को आंखों देखी बुराई की शिकायत करने का यही पुरस्कार है। अगर चंद अच्छे लोग भी अपनी आंखें मूंद ले तो अपराध का बोलबाला होने से कोई नही रोक पायेगा।
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