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उत्तरकाशी;

दिलीप कुमार

बड़कोट तहसील, गौना गांव के अंदर  संचालित प्राइमरी स्कूल एक ही शिक्षा मित्र के भरोसे चल रहा है।
विद्यालय मुख्य राजगढ़ी मोटर मार्ग पर स्थित है , जिसमे  कक्षा 1 से 5 तक के 25 बच्चे पठन -पाठन कर रहे है। जहाँ मात्र एक शिक्षा मित्र है। विद्यालय  में एक ही अध्यापिका किस प्रकार पांचों कक्षाओं के पांच विषयों कों पढ़ाती है, ये उनसे बेहतर कौन जान सकता है। एकमात्र शिक्षिका सुनीता चौहान का कहना है कि एक शिक्षक के द्वारा स्कूल  संचालित करने अत्यंत कठिन है।अध्यापक कि यहां  नितांत आवश्यकता है। इसके अलाव विद्यालय की बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है,  कई बार मरम्मत कराने पर भी बरसात में इसके गिर जाने का खतरा बना रहता है ।
ग्रामीणों को अपने बच्चों का भविष्य यहां अंधकार में  दिख रहा है। इसलिए ग्रामीण अपने नोनिहालो के भविष्य से चिंतित होकर ग्रामीण पलायन करने पर मजबूर है। रोशन लाल साई का कहना है कि शिक्षक के बिना जीवन वह अपने बच्चों का भविष्य नही देख पा रहे है। जिसके कारण वह अपने दोनों बच्चो को शहर के अच्छे स्कूल में ले जाने को मजबूर हो चुके है।उन्होंने बताया कि तकरीबन एक साल पहले स्कूल में शिक्षक की तैनाती हुई थी उनका किसी कारण स्तान्तरण हो गया उसके बाद शिक्षा मित्र ने स्कूल की कमान संभाली हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दे चुका है लेकिन इस विषय पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई। उत्तराखंड सरकार का सब पढे सब बड़े नारा एक डायलोक बन कर रह गया है।

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