येन बद्धो बलि: राजा दानवेन्द्रो महाबलौ:,तेन तवामपी बध्नामि रक्षे चल मा चल
पवित्र रक्षाबंधन का पर्व विश्व मे बहन और भाई के संबंध को प्रगाढ़ करता है । और सूत्र बांधकर अपने मित्र संबंधी से रक्षा का वादा ले सकतें है। राजा बलि से इस परंपरा की शुरुआत हुई और उसके बाद श्री कृष्ण और द्रौपदी, से लेकर अनेको ऐसे उदाहरण है जो इस पवित्र सूत्र के गवाह है। यहां तक कि जाति धर्म, देशकाल से परे जाकर उस रिश्ते की सबने कसमें खाई और अपना वादा पूर्ण किया---
वर्तमान में परिस्थितियों के अनुसार भाइयों को एक बहिन की तरफ से शायद यही संदेश जाता होगा--
सबसे पहले उन वीर जवानों को रक्षाबंधन की
शुभकामनाये और ढेर सारी दुआएं ,जो देश की रक्षा में कहीं भी लगे है।उनके लिए निःशब्द है, ये मन ,तुम्हे तो कुछ कहने समझाने की आवश्यकता ही नही। तुम वीर धीर गंभीर , जानते हो मातृशक्ति की इज़्ज़त क्या है, उसे कैसे बचना है। तुम्हे अनगिनत नमन।
प्रिय मेरे भाइयों जो युवा है, अनुरोध हमारा तुमसे है, हमको भी थोड़ा बढ़ने दो, थोड़ा जीने की चाहत है,उसमे भी कुछ रंग भरने दो। राखी का मान सदा रखना।
अपने भाई के लिए , तुम सर्वदा सुखी रहो, अपने परिवार में रमे रहो, पर जन जन मे उल्लास भरो । अपनी बहनों को सम्मान करो, उनकी पीड़ा में साथ भी दो।
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