रुद्रप्रयाग:
भूपेंद्र भंडारी
केदारनाथ हाईवे पिछले 18 घण्टों से बंद चल रहा है। तिलवाडा के समीप लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते पूरी पहाडी दरक रही है जिसके चलते मार्ग बन्द पडा हुआ है। वहीं बांसवाडा, डोलिया देवी मंदिर व काकडागाड में भी राजमार्ग बार-बार मलबा आने से बन्द हो रहा है। जिसके चलते तीर्थयात्रियों समेत स्थानीय लोगों को भी आवागमन मे काफी दिक्कतें आ रही हैं। तिलवाडा के समीप पहाडी से आ रहे भारी मलबे के कारण बीती रात्रि करीब आठ बजे हाइवे बन्द हो गया था हालांकि राजमार्ग विभाग द्वारा मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी मशीनें व एक पोकलैण्ड मशीन लगाई गई है मगर यहां पहाडी लगातार दरक रही है जिससे काम करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। जिलाधिकारी ने भी मौके पर पहुंचकर मार्ग को खोलने के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिये साथ जाम में फंसे राहगीरों को फल, पानी की वोतलें व लंच पैकेट वितरित करने के निर्देश आपदा प्रबन्धन विभाग को दिये। मार्ग के दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं तो प्रशासन ने अब यातायात को डायर्वट करने के निर्देश भी पुलिस को दे दिये हैं। साथ ही अधिकारियों को भी मौके पर तैनात रहने के निर्देश दिये हैं जिससे जाम में फंसे लोगों को किसी भी तरह की दिक्कतें ना हो सकें। जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी हरीश शर्मा ने बताया कि मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं मगर लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते कुछ दिक्कतें आ रही हैं वहीं जाम में फंसे लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पडे इसके लिए लंच पैकेटों को भी वितरित किया जा रहा है।
आपदाओं के दौरान तत्काल प्रभावितों तक राहत पहुंचे इसके लिए जिला
प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर दी हैं आपदाओं के दौरान अति दूरस्थ
क्षेत्रों में भी तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया
है, तो एनडीआरएफ का एक विशेष दस्ता अगस्त्यमुनि में तैनात किया गया है।
वहीं प्रत्येक तहसील में 40 किट राहत सामाग्री के रखे गये हैं तो सभी टीमों
को खेज बचाव के आवश्यक उपकरण दिये गये हैं। मेडिकल की भी दो विशेष टीमें
गठित कर दी गयी हैं जो हर समय आवश्यक सामाग्री के साथ तैयार रहेंगी। आपदाओं की दृष्टि से अति संवेदनशील जनपद रुद्रप्रयाग में प्रशासन ने अपनी
सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। केदारनाथ, मदमहेश्वर व तुंगनाथ यात्रा के
साथ ही दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीमों को तैयार कर दिया गया है साथ
ही ग्राम स्तर पर भी प्रशिक्षित युवकों को भी सूचीबद्व किया गया है।
पीआरडी के विशेष प्रशिक्षित 26 जवानों को तहसीलों व ग्रामीण क्षेत्रों में
तैनात किया गया है।
आपदाओं के दौरान कम्न्युकेशन की समस्या ना हो इसके लिए
केदारनाथ, जखेाली, रांशी व बशुकेदार में सैटेलाइट फोन रखे गये हैं। जिनका
सम्बन्ध जिला आपदा कन्टृोल रुम से किया गया है। प्रत्येक तहसीलदार को 40
बैग राहत सामग्री के दिये गये हैं तो हर समय आपदाओं के दौरान तत्काल आर्थिक
सहायता के लिए चैक बुक दी गयी है। अगस्त्यमुनि में एनडीआरएफ का विशेष दल
रखा गया है। तो दूरस्थ क्षेत्रों में हैलीपैडों को भी तैयार किया गया है।
बाइट- मंगेश घिल्डियाल जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग
वीओ0-
जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी के अनुसार आपदाओं के दौरान खेाज बचाव के लिए
अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जा चुकी है। और इन विशेष उपकरणों की समय-समय
पर चैकिंग भी की जा रही है। जिला आपातकालीन परिचालन सेल को चैबीसों घण्टे
तैयार रहने के निर्देश हैं तो सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गयी
है। खाद्यान गोदामों में अनाज का भण्डारण कर दिया गया है और मेडिकल टीमों
को वाहनों के साथ हर समय मौजूद रहने के निर्देश दिये गये हैं।
बाइट- हरीश शर्मा जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी
एफवीओ0-
2013 की आपदा के बाद से जनपद में होने वाली हर छोटी बडी घटनाओं पर प्रशासन
पूरी नजर बनाये हुए है प्रशासन का भी दावा है कि सरकारी तन्त्र हर आपदा से
निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। और इसके लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,
आपदा प्रबन्धन दल, पुलिस व स्थानीय स्तर पर गठित टीमों को समय-समय पर छदम
आपदाओं के जरिये तत्पर भी रखा जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि
आपदाओं के दौरान प्रशासन के दावे कितने पुख्ता साबित होते हैं या फिर हर
बार की तरह सरकारी दावे हवाई साबित होते हैं।
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