व्हाट्सएप पर अफवाहों
से भरे और भड़काऊ, गैर-जिम्मेदाराना तथा विस्फोटक संदेशों के कारण हाल ही
में बेकसूर लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं सामने आई हैं। असम,
महाराष्ट्र, कर्नाटक, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में
हत्या की घटनाएं दु:खद और खेदजनक हैं।
विधि और न्याय एजेंसियां दोषियों को
पकड़ने के कदम उठा रही है, लेकिन व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग
कर बार-बार इस पर ऐसी भड़काऊ सामग्री का संचार भी चिंता का विषय है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ऐसे गैर-जिम्मेदाराना
संदेशों और ऐसे प्लेटफॉर्म पर उनके संचार को गंभीरता से लिया है। इसके
बारे में व्हाट्सएप के वरिष्ठ प्रबंधन को सूचित कर दिया गया है और
उन्हें सलाह दी गई है कि ऐसे फर्जी और संवेदनशील संदेशों के संचार को
रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। सरकार ने निर्देश दिया है कि
ऐसे संदेशों पर उचित तकनीक के जरिए तुरंत रोक लगानी चाहिए।
यह भी कहा गया है कि ऐसे प्लेटफॉर्म अपने
उत्तरदायित्वों और जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकतें, क्योंकि
विशेष रूप से कुछ शरारती तत्वों द्वारा ऐसी बेहतर तकनीकी खोजों का
दुरुपयोग कर भड़काऊ संदेश भेजे जाते हैं, जिससे हिंसा भड़कती है।
सरकार ने यह भी कहा है कि किसी भी शर्त पर
व्हाट्सएप को इस खतरे से निपटने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और यह
सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके प्लेटफार्म का इस्तेमाल ऐसे गलत कार्यों के
लिए न किया जा सके।
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