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104 साल बाद 27 जुलाई को ऐसा दुर्लभ चंद्रग्रहण लगने जा रहा है, जो एक राशि के जातकों के लिए घातक साबित हो सकता है। बाकी 11 राशियों पर भी खास असर रहेगा, तो इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।

 

आषाढ़ पूर्णिमा की रात 27 जुलाई को आधी रात में खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा। यह खग्रास चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक दोपहर बाद 2.54 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण रात 11.54 मिनट से सुबह 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। सूतक लगने के कारण शाम के समय मंदिर के कपाट नहीं खुलेंगे। यह बात  ज्योतिषाचार्य और कर्मकांडी आचार्य देवेन्द्र प्रसाद भट्ट देहरादून उत्तराखंड वाले पंडित जी   ने कही।
, यह ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा और उत्तराषाढ़ नक्षत्र के अंतिम दो घटी एवं श्रवण नक्षत्र के आद में खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। उत्तराषाढ़ के चतुर्थ चरण में होने के कारण उत्तराषाढ़ के चतुर्थ चरण एवं श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण घातक है।
विशेषकर मकर राशि के जातकों के लिए ग्रहण हानिकारक रहेगा। कुछ विशिष्ट व्यक्तियों एवं शासकों के लिए भी संघर्षमय स्थिति उत्पन्न करेगा। खग्रास चंद्र ग्रहण के समय मकरस्थ चंद्र के साथ स्थित मंगल और केतु पर राहु, सूर्य और बुध की दृष्टि है। सूर्य राहु के साथ शनि का षडष्टक योग भी बन रहा है, इसलिए राजनीतिज्ञों और शासकों में भी उथल-पुथल रहेगा।
देश के कुछ भागों में भारी प्राकृतिक आपदा से जनधन की हानि होगी। चूंकि चंद्रमा क्रूर ग्रह से युक्त एवं सूर्य राहु से दृश्य होने के कारण राजनीतिज्ञों के लिए चिंताजनक है। खग्रास चंद्र ग्रहण आषाढ़ मास में घटित हो रहा है। यह कुछ प्रांतों में सूखे से जनजीवन त्रस्त रहेगा।

इस प्रकार होगा ग्रहण का स्पर्श और आदि काल

ग्रहण----------------समय

ग्रहण का स्पर्श--------23:54

खग्रास प्रारंभ---------01:00

ग्रहण का मध्य काल---00:54

खग्रास समाप्त--------02:43

ग्रहण का मोक्ष काल---03:49

ग्रहण का पर्व काल----03:55

मकर राशीस्थ चंद्र ग्रहण फल...

मेष- इस राशि केलिए सुख संपत्ति का लाभ होगा।
वृष- मान अपमान का योग है, सावधान रहिए।
मिथुन- शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक परेशानी होगी।
कर्क- पति पत्नी परेशान होंगे।

सिंह- सामान्य सुख का योग।
कन्या- मानसिक परेशानी होगी।
तुला- इस राशि वालों के लिए कष्टकारक होगा।
वृश्चिक- जन-धन का लाभ।
धनु- जन-धन की हानि।

मकर- विशेष कष्टकर और घातक सरेग है।

कुंभ- व्यापार नौकरी और विद्या की हानि।

मीन- हर प्रकार से लाभ, सुख संपति की प्राप्ति।

मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण किसी राज योग से कम नहीं है। इनके लिए अत्यंत लाभकारी है। अन्य आठ राशि वालों के लिए कष्टदायक है। वृष मिथुन कर्क कन्या तुला धनु मकर और कुंभ राशियों के लिए यह खग्रास अशुभ है। स्नान, दान, जप आदि करना शुभ रहेगा।
अधिक जानकारी के लिए सीधे  सम्पर्क करें  
आचार्य देवेन्द्र प्रसाद भट्ट  (देव जी भट्ट) निवास पाली बागी निकट बागेश्वर महादेव मन्दिर भोगपूर रानीपोखरी देहरादून  उत्तराखंड
9690551777

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