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ऋषिकेश :

गढ़वाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे नेगी ने महाकवि पद्मभूषण गोपालदास नीरज के आकस्मिक निधन को संगीत एवं साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।महासभा के दून रोड स्थित कार्यालय में शोक सभा आयोजित कर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
महासभा अध्यक्ष डॉ नेगी ने कहा कि महाकवि के नाम से विख्यात नीरज रूमानियत एवं श्रृंगार के कवि माने जाते है ।
उनकी रचनाओं में जीवन का दर्शन काफी उभरकर आता है। वो भले ही आज हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके गीत और कविताएं लोगो के दिल और जुबां पर अपनी पहचान हमेशा बनाए रखेंगे।
वो हिंदी साहित्य जगत के वाद ए नसीम थे।उनका लिखा पहला गीत कारवां गुजर गया ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई उसके बाद के उनके गीत लिखे जो खत तुझे, दिल आज शायर है,रंगीला रे तेरे रंग में,ए भाई जरा देख के चलो आज भी प्रासंगिक है। उनके द्वारा लिखा भजन काल का पहिया घूमे भईया के लिए उनको फिल्म फेयर अवार्ड से भी नवाजा गया।
गोष्ठियों एवं सम्मेलनों में करीब पिचहतर  वर्ष तक कविता पाठ का उनका जो अद्भुत और अच्मभित करने वाला लंबा समय  रहा है शायद ही अब कोई कवि ये सफ़र तय कर पाए। महाकवि नीरज के निधन से साहित्य एवं संगीत जगत के रिक्त स्थान को भरना आसान नहीं होगा।
शोक व्यक्त करने वालो में वरिष्ठ साहित्यकार आर पी डंगवाल, डॉ उमेश चमोला,कमल सिंह राणा सतेंद्र चौहान, प्रेम सिंह नेगी,सुनील जुग रान,रमेश लिंग वाल,  अमन चौहान, हरीश रावत,रवि कुकरेती अंकित नेठानी ,आशुतोष कुड़ी याल,प्रियंका कुकरेती शालिनी भंडारी शिवानी पंवार,दीपिका पन्त शामिल थे।

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