हरिद्वार;
दिव्यांश शर्मा
राज्य की 144 मेगावाट कि जल विद्युत परियोजना ठप होने से एक बार फिर सूबे में बिजली संकट गहरा गया है। हरिद्वार में चीला पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व फटने से पानी ओवरफ्लो हो जाने से पावर प्लांट पर काम कर रहे दर्जनों कर्मचारियों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई।
घटना बीती 13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे की है , लेकिन अभी तक वाल्व की मरम्मत नहीं हो सकी है। डरे सहमे कर्मचारी चीला पावर प्रोजेक्ट में दोबारा जाने से घबराए हुए हैं.. उत्तराखंड प्रांतीय विद्युत कामगार संगठन ने चीलापावर प्रोजेक्ट में पहुंचकर कर्मचारियों का हाल जाना ।
संगठन के अनुसार पिछले कई सालों से मरम्मत के नाम पर अधिकारियों द्वारा केवल लीपापोती हुई और अधिकारियों ने मरम्मत के पैसों की बंदरबांट की जिसके चलते पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व कई सालों से खराब पड़ा हुआ था और कर्मचारी लगातार इसे बदलने की मांग कर रहे थे।।
पावर प्रोजेक्ट का वॉल्व फटने के बाद अफरातफरी मच गई और पानी बैराज से ओवरफ्लो होने लगा। फिलहाल चीला हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गया है। कर्मचारियों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।ज्ञात हो कि चीला पॉवर प्रोजेक्ट में पानी की आपूर्ति ऋषिकेश के पशुलोक बैराज से होती है।
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