रुद्रप्रयाग;
भूपेंद्र भण्डारी
श्रावण मास शुरु होते ही प्रशिद्व शिव मंदिरों में भक्तों का हुजूम भी उमडना शुरु हो गया है। लगातार हो रही वारिश के चलते जनपद के बरसाती गदेरों के साथ ही अलकनन्दा व मंदाकिनी नदी भी पूरे उफान पर हैं और नदी तटों पर बने घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं। श्रावण मास को देखते हुए प्रशासन ने भी नदी तटों व कोटेश्वर धाम में सुरक्षा बडा दी है जिससे आस्था के दौरान कोई हादसा न हो सके।
स्वामी शिवानंद महाराज श्री महंत कोटेश्वर धाम के अनुसार मुख्यालय स्थित कोटेश्वर धाम में श्रावण मास में भारी संख्या में श्रद्वालु भक्त पहुंचते हैं पहले सोमबार को लेकर भी सुबह से ही घाम में भक्तों का पहुंचना शुरु हो गया था मान्यता है कि कोटेश्वर में एक कोटि ब्रहम राक्षसो को भगवान शिव की आराधना करने के बाद मुक्ति मिली थी इसी लिए इस स्थान पर भगवान के करोडों शिव लिंग मौजूद हैं जिनकी पूजा श्रद्वालुओं द्वारा की जाती है।
हरीश शर्मा जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी का कहना है कि हर वर्ष धाम में पैर फिसलने के कारण कई श्रद्वालु अलकनंदा के आगोश में समा जाते हैं।
इस बार सुरक्षा को लेकर धाम में पुलिस, आपदा प्रबन्धन दल व गोताखोरों की टीम को तैनात कर दिया गया है जिससे उफनती नदी में कोई हादसा न सके।
.png)
एक टिप्पणी भेजें