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उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्रभावित जिलों के डीएम को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए 
 
उत्तराखंड के टिहरी और पौड़ी में शुक्रवार बादल फटने की घटना सामने आई है। किसी के हताहत होने की खबर अभी नहीं है। टिहरी के घनसाली में हुई ज़ोरदार बारिश के बाद थापला गांव बादल फट गया और गदेरे उफन गया. बादल फटने से खेती को हुआ भारी नुकसान हुआ है. रास्ते, सिंचाई नहर पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है. कोई जनहानि तो नहीं हुई है लेकिन कई एकड़ खेती तबाह हो गई है. पेयजल लाइनें और रास्ते बह गए हैं.
उत्तराखंड में तीन जगह बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी में बादल फटने की खबर है. उत्तराखंड  में आज देर शाम आये तूफ़ान और भारी बारिश ने कहर बरपा दिया। कई जगह बादल फटने से भारी नुकसान की खबरें है। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट के गंगटाडी में बादल फटने के बाद एक नाले में आये तेज बहाव में 3 बच्चे बह गए। जिनमे से 2 बच्चों को बचा लिया गया जबकि 12 साल की एक बच्ची अभी भी लापता है।

 उत्तराखंड  में आज देर शाम आये तूफ़ान और भारी बारिश ने कहर बरपा दिया। कई जगह बादल फटने से भारी नुकसान की खबरें है। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट के गंगटाडी में बादल फटने के बाद एक नाले में आये तेज बहाव में 3 बच्चे बह गए। जिनमे से 2 बच्चों को बचा लिया गया जबकि उत्तराखंड  में आज देर शाम आये तूफ़ान और भारी बारिश ने कहर बरपा दिया। कई जगह बादल फटने से भारी नुकसान की खबरें है। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट के गंगटाडी में बादल फटने के बाद एक नाले में आये तेज बहाव में 3 बच्चे बह गए। जिनमे से 2 बच्चों को बचा लिया गया जबकि 12 साल की एक बच्ची अभी भी लापता है।  अभी भी लापता है। मौसम विभाग की आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी के बाद आज शाम अचानक ही प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा बिगड़ की कई जगह बादल फटने से नुकसान की भारी आशंका जताई जा रही है।  
प्रदेश भर में पहले तेज आंधी तूफान आया और इसके बाद अचानक ही बादल गरजने लगे। बारिश का आलम ऐसा था कि रदेश में कई जगह पर बादल फटने की घटनाओं की सूचना आ रही है। टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी में बदल फटने की घटनाएं हुए है।
 पौड़ी जनपद के थलीसैण ब्लाक के  स्योलिखण्ड क्षेत्र में भी बादल फटने की खबरें है। यहां बादल फटने से दो गौशाला बह गई जिसमें दर्जनों मवेशियों के बहने की सूचना है। बही। यह भी बचाव और राहत दल को मौके पर रवाना कर दिया गया है। भारी बारिश से राहत कार्यो में फिलहाल दिक्कत आ रही है।
केदारघाटी में बारिश आने से मंदाकनी नदी उफान पर है।  जिसके बाद नदी पर बनाये गए अस्थायी झूलापुल तेज बहाव में डूब गए है। इतना ही नही सोढ़ी में केदारनाथ हाईवे बन्द हो गया है, जिसके कारण हजारो यात्री सड़को पर फंस गए है।
भारी बारिश से चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है। कई जगह सड़को पर मलवा आ जाने से सड़के बन्द हो गई है। हरिद्वार और देहरादून में भी भारी बारिश  हुई.।


उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्रभावित जिलों के डीएम को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए है. मौसम विभाग ने खराब मौसम को लेकर पहले से ही चेतावनी जारी की थी. देर शाम अचानक मौसम ने रुख बदला. उत्तराखंड में खराब मौसम की वजह से बद्रीनाथ मार्ग को रोक दिया गया था, जिसे 8 घंटे बाद खोला गया. अब बद्रीनाथ और गोबिंदघाट की गाड़ियों को ऋषिकेश की तरफ भेजा जा रहा है. इसके अलावा बद्रीनाथ और हेमकुण्ड जाने वाले श्रद्धालुओं को जोशीमठ में ही रोका गया है. जैसे ही बद्रीनाथ गोबिंदघाट में फंसे यात्री निकल जाएंगे तब जोशीमठ में जगह जगह रोके गए यात्रियों को आगे भेजा जाएगा.
रामनगर में आज सुबह मौसम ने करवट बदली और बारिश हो गई. बारिश के साथ ही ओले भी गिरे और ढिकुली में आंधी तूफान से एक पेड़ ट्रक पर गिर गया. हालांकि दुर्घटना में किसी के घायल होने की बात नहीं है. पेड़ गिरने से ढिकुली में कुछ देर के लिए यातायात ठप हो गया था, जिसे बाद में खोल दिया गया. बहरहाल बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है.

वहीं, देर शाम दिल्ली और एनसीआर में धूलभरी आंधी चली। उधर, पंजाब में भी मौसम में बदलाव देखने को मिला। चंडीगढ़ में दिन में अंधेरा छा गया और तापमान में गिरावट दर्ज की गई। शिमला, चंबा, कांगड़ा, बैजनाथ समेत कई स्थानों पर बारिश हुई। बैजनाथ में सबसे ज्यादा 48 मिलीमीटर बारिश हुई। ऊना में सबसे ज्यादा 40 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, यहां 2.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।

– उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं हल्की और कहीं तेज बारिश हुई। फैजाबाद, इलाहाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी और मुरादाबाद में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया। फतेहगढ़ सबसे गर्म रहा, जहां 44.3 डिग्री पारा रिकॉर्ड हुआ, ये सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा था। शुक्रवार को उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। हालांकि, दिल्ली और राजस्थान को गर्मी से राहत नहीं मिली। दिल्ली में 42 डिग्री तापमान और राजस्थान के चुरू में 49.7 डिग्री पारा दर्ज किया गया। उत्तर भारत में पिछले 1 महीने से मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव देखा गया है। 2 और 3 मई को उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आंधी-तूफान के चलते 130 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित आगरा जिला हुआ था। यहां 80 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। वहीं, 9 और 10 मई को आंधी-तूफान और बारिश में 18 लोगों की मौत हुई थी। उसके अलावा, 14 मई को भी इसी तरह की घटनाओं में 51 लोगों की जान चली गई थी। 28-29 मई को उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाओं में 45 लोगों की मौत हो गई थी
मौसम विभाग ने देर रात दिल्ली एनसीआर समेत पानीपत, मुजफ्फरनगर, गनौर, बरौत, बागपत, मेरठ, मोदीनगर, हापुर, नॉएडा, ग़ाज़ियाबाद, बिजनोर,गढ़मुक्तेशर, बुलंदशहर, सियाना व आसपास के क्षेत्रो में तेज हवाओं तथा गरज़ के साथ बारिश की आशंका जताई है.

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