लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ की अगुवाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम का बडा असर हुआ है और इस मुहिम से भ्रष्टाचारियों में हड़कम्प है,भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा । योगी आदित्यनाथ की पहल पर जहां यूपी लोक सेवा आयोग में नौकरियों का भ्रष्टाचार करने वाले लोक सेवा आयोग के गुनहगारों पर अब सीबीआई का फंदा कस गया है तो वहीं गोमती के सुन्दरीकरण के नाम पर पैसों की लूट करने वाले गोमती के गुनहगार भी सीबीआई के घेरे में आ गए हैं। सीबीआई जांच की आंच उन लोगो तक भी पहुंच रही है ।
जिन्होंने लोक सेवा आयोग मेें अनिल यादव जैसे भ्रष्टाचारियों की अवैध नियुक्ति की और रिवर फ्रंट की खूबसूरती के नाम पर बेईमानों को जनता की गाढ़ी कमाई लूटने का मौका दिया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के प्रति एक ईमानदार राजनैतिक प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। मसला चाहे सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर राज नेताओं के बंगले खाली कराने का रहा हो या फिर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खुल कर जंग छेडऩे का, योगी ने जनता के हित में बड़े और कड़े फैसले लिये।
तबादलों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलते ही अर्थ एवं संख्या विभाग के निदेशक अशोक पवार को तत्काल निलम्बित कर मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वे कोई समझौता नहीं करने वाले हैं। यूपी लोक सेवा आयोग के भ्रष्टाचार को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में ये वादा किया था कि सरकार बनने पर आयोग की सीबीआई जांच करायी जायेगी। इस वायदे पर खरा उतरते हुए योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेते ही आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच के आदेश दिये और अब तमाम बड़ी मछलियां इस जांच के घेरे में हैं।
कई दागियों पर सीबीआई का फंदा कस चुका है। इनमें ऐसे लोग भी है जिन्होंने अयोग में अपात्र लोंगो की तैनातियां करने का पाप किया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार गोमती नदी की सफाई के नाम पर जो जनता के पैसों की लूट हुई उसे लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाइयां की बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज कराये। जनभावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की भी सीबीआई जांच के आदेश दिये और अब गोमती के गुनहगारों पर भी सीबीआई का शिकंजा कस गया है।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ की अगुवाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम का बडा असर हुआ है और इस मुहिम से भ्रष्टाचारियों में हड़कम्प है,भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा । योगी आदित्यनाथ की पहल पर जहां यूपी लोक सेवा आयोग में नौकरियों का भ्रष्टाचार करने वाले लोक सेवा आयोग के गुनहगारों पर अब सीबीआई का फंदा कस गया है तो वहीं गोमती के सुन्दरीकरण के नाम पर पैसों की लूट करने वाले गोमती के गुनहगार भी सीबीआई के घेरे में आ गए हैं। सीबीआई जांच की आंच उन लोगो तक भी पहुंच रही है ।
जिन्होंने लोक सेवा आयोग मेें अनिल यादव जैसे भ्रष्टाचारियों की अवैध नियुक्ति की और रिवर फ्रंट की खूबसूरती के नाम पर बेईमानों को जनता की गाढ़ी कमाई लूटने का मौका दिया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के प्रति एक ईमानदार राजनैतिक प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। मसला चाहे सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर राज नेताओं के बंगले खाली कराने का रहा हो या फिर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खुल कर जंग छेडऩे का, योगी ने जनता के हित में बड़े और कड़े फैसले लिये।
तबादलों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलते ही अर्थ एवं संख्या विभाग के निदेशक अशोक पवार को तत्काल निलम्बित कर मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वे कोई समझौता नहीं करने वाले हैं। यूपी लोक सेवा आयोग के भ्रष्टाचार को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में ये वादा किया था कि सरकार बनने पर आयोग की सीबीआई जांच करायी जायेगी। इस वायदे पर खरा उतरते हुए योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेते ही आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच के आदेश दिये और अब तमाम बड़ी मछलियां इस जांच के घेरे में हैं।
कई दागियों पर सीबीआई का फंदा कस चुका है। इनमें ऐसे लोग भी है जिन्होंने अयोग में अपात्र लोंगो की तैनातियां करने का पाप किया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार गोमती नदी की सफाई के नाम पर जो जनता के पैसों की लूट हुई उसे लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाइयां की बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज कराये। जनभावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की भी सीबीआई जांच के आदेश दिये और अब गोमती के गुनहगारों पर भी सीबीआई का शिकंजा कस गया है।
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