रुद्रप्रयाग :
कहते हैं, हौसले मजबूत हो और इरादे पक्के हों तो कुछ भी कार्य
असम्भव नहीं है। ऐसे ही असम्भव को सम्भव करके दिखाया है, केदारनाथ पुलिस ने
15 हजार फिट की उंचाई पर खिलने वाला पांरपरिक पौधा ब्रहमकमल इन दिनों
केदारनाथ में पुलिए चौकी की शान बडा रहा है, इस बार बाटिका में 41 फूल खिले
हैं। जिन्हें देखने हजारों की तादाद में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं और इस
र्दुलभ पोधे को देखकर अपने आप को धन्य मान रहे हैं।
केदारनाथ धाम 11 हजार 600 फीट की उंचाई पर है। यहां प बुग्यालों के अलावा
कुछ भी नहीं है। ऐसे में एक छोटी सी बाटिका में 41 ब्रहम कमलों के खिलने
से बाटिका की शोभा पर चार चांद लग रहे हैं। यही नहीं, यहां पर एक रुद्राक्ष व
भरी संख्याा में भृंगराज के पौधे भी बडे हो रहे है। उच्च हिमालयी क्षेत्र
में करीब 15 हजार फीट की उंचाई पर होने वाला यह प्राकृतिक पौधा केदारनाथ
पुलिस द्वारा रोपित किया गया है।
बाटिका को अपने संरक्षण में लेने की पुलिस ने शासन से की मांगकी है। प्रदेश के मुख्य सचिव भी बाटिका की तारीफ कर चुके हैं
प्रेम प्रकास जुगराण तीर्थपुरोहित का कहना है कि बेद पुराणों में मान्यता है कि भगवान
विष्णु ने जब शिव की आराधना की ती भगवान ने उन्हें भी दर्शन नहीं दिये । तब
विष्णु ने अपनी आंख निकालकर शिव को अर्पित की। जो कि ब्रहम कमल बना।
मान्यता है कि यह शिव का सबसे पसंदीदा पुष्प है। और औषधीय गुणों से भरपूर
है। कैंसर की दवा के रुप में इसका प्रयोग किया जाता है।
केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2015 में पुलिस को बेस केम्प में चौकी के लिए
जगह दी गयी थी दिन रात धाम में अपनी ड्यूटी देने के बाद भी पुलिए के चौकी इंर्चाज विपिन पाठक के अथक प्रयासों से यह पहल शुरु हुई और आज मेहनत रंग
लाई है। श्री पाठक का अब सरकार से अनुरोध है कि बाटिका को अपने संरक्षण में
लिया जाय जिससे और अधिक तेजी से पूरे धाम में ब्रहम कमलों को खिलाया जा
सके।
विदेशी तीर्थयात्री.,पाॅल और गहलोत दंपति तीर्थयात्रीका मानना है कि यह पहला मौका है जब आम जनमानस को अपनी आंखों के सामने ब्रहम कमल देखने को मिल रहा है अन्यथ कुछ खुशनसीब ही होते हैं जो इस दुर्लब प्रजाति के पुष्प को खुली आखेां से देख पाते हैं।
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