देहरादून:
भारतीय लोकतन्त्र सुदृ-सजय़ और मजबूत है। यह लोकतन्त्र का ही चमत्कार है कि कब कौन अर्स से फर्श पर और फर्श से ऊँचाई पर पहुँच जाता है इसका अनुमान किसी को नहीं होता। यह कथन है प्रदेश के वित्त एवं कार्य मंत्री श्री प्रकाश पन्त का। वित्त मंत्री प्रकाश पन्त प्रेस क्लब में श्री नित्यानन्द स्वामी जन सेवार्थ समिति द्वारा आपातकाल के 43वें वर्ष पर आयेजित एक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता श्री पन्त ने कहा कि श्रीमती इन्दिरा गांधी देश की सशक्त व लोकप्रिय प्रधानमंत्री थीं। लेकिन 1975 में उन्होंने बड़ी गलती कर दी जो देश के सविंधान के साथ छेड़छाड़ कर आपातकाल लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व देश-विदेश में श्रीमती इन्दिरा गांधी का डंका बज रहा था। लोग उन्हें ‘आयरन लेडी’ की उपाधि से दे रहे थे। परन्तु उन्होंने देश के संविधान व उसमें प्रदत्त मौलिक अधिकारों को ज्यों ही
प्रतिबन्धित किया, देश का जनमानस एकाएक का ही उनके विरुद्ध हो गया। भारतीय लोकतन्त्र का ही
चमत्कार था कि जैसे ही आपातकाल हटा और चुनाव हुआ तो जनता ने उन्हें चारों खाने चित्त कर दिया।
श्री पन्त ने कहा कि आपातकाल को सबक के तौर पर भी याद रखने की जरूरत है। आपातकाल में
हजारों कार्यकर्ता जेल गये और उन्होंने लोकतन्त्र की रक्षा के लिए यातनायें सही यह तो स्मरण
करने का विषय है ही लेकिन बड़ी बात यह है कि इस घटना से सबक सीखना चाहिए कि संविधान से
छेड़छाड़ करने वाले को अर्स से
विश्व संवाद केन्द्र के निदेशक श्री विजय कुमार ने इस अवसर बोलते हुए कहा कि आपातकाल को
इतिहास की धरोहर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा केन्द्र और राज्य सरकारें आपातकाल
के सेनानियों को प्रमाण-पत्र देकर उन्हें मान्यता दें तथा इतिहास का संकलन किया जाय।
श्री ओमपाल सिंह, संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 93 वर्षों
से अनवरत देकर जन-मानस के मन को जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि संघ कार्य
गंगा की निर्मल धारा के समान अनवरत समाज संगठन का है। संघ की पवित्र गंगा सबको निर्मल कर रही
है।
सहारनपुर से आये श्री लाज कृष्ण गांधी (पूर्व विधायक) बरेली के श्री वीरेन्द्र अटल, श्री
प्रेम बड़ाकोटी ने आपातकाल की ज्यादतियों के संस्मरण सुनाये तथा कहा उस कालखण्ड को याद
रखना और नई पी-सजय़ी को स्मरण कराना आवश्यक है। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आर के वर्मा
ने कहा आपातकाल एक ऐसा कालखण्ड था जिसमें नागरिक अधिकार निलम्बित किया गया और
तानाशाही थोप दी गई जो जनता को रास नहीं आयी। इसी का नुकसान इन्दिरा गांधी और
उनकी पार्टी को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कांग्रेस आज भी उसका नुकसान भुगत रही
है। इससे पूर्व आपातकाल में जेल गये अनेक लोकतन्त्र सेनानियों को स्मृति चिन्ह व तुलसी की
माला पहना कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री योगेश अग्रवाल ने किया। इंजीनियर गोपाल कृष्ण मित्तल, गोपालपुरी, सरदार इन्द्रपाल सिंह कोहली, राकेश पंडित ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग
किया।
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