देहरादून:
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित एक स्थानीय होटल
में ’’उत्तराखण्ड का जन इतिहास लोक संस्कृति एवं समाज’’ श्री भगत सिंह
कोश्यारी ’भगत दा’ अभिनन्दन ग्रंथ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि
श्री कोश्यारी की सरलता व सहजता से हम सभी अवगत है। उनका जीवन संघर्षमय रहा
है। मुख्यमंत्री ने श्री कोश्यारी के स्वस्थ व सुखद जीवन की कामना की है।
उन्होंने आशा व्यक्त कि की श्री कोश्यारी हमारा मर्गदर्शन करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस ग्रंथ में राज्य की संस्कृति,
परम्पराओं, कृषि, लोक गीत व विविध ऐतिहासिक घटनाओं का समावेश किया गया है।
हमें अपनी पहचान अपनी संस्कृति को संजोकर रखना बहुत जरूरी है। समय-समय पर
ऐसे ग्रंथ लिखे जाने चाहिए व साहित्य रचा जाना चाहिए, जिससे हमारी आने वाली
पीढ़ी अपनी समृद्ध, सांस्कृतिक विरासत, परम्पराओं व गौरवमय इतिहास से
परिचित हो सके।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें
जल संरक्षण के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा एक घंटे में
एक लाख पौधे लगाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि
देहरादून में रिस्पना व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीविकरण के क्षेत्र
में कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जैन हिल्स, जलगांव, महाराष्ट्र
का उदाहरण देते हुए कहा कि जलगांव में सप्ताह में 02 दिन पीने का पानी
मिलता है। वहां पर न सर्फेस वाटर है न ग्रउण्ड वाटर है। वर्षा भी लगभग
हमारे राज्य के मुकाबले कम है। उन्होंने कहा कि वहां वर्षा के जल का संचय
किया जाता है। जलगावं के लागों ने वर्षा जल का संचय कर पानी की अपनी इस
समस्या को दूर किया है। उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है। मुख्यमंत्री ने
कहा कि जलगांव का अध्ययन करने के लिये अधिकारियों को वहां भेजा गया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में बारिश के पानी के संचय किये जाने की
उनकी योजना है।
इस अवसर पर सांसद श्री भगत सिंह कोश्यारी,
पद्मश्री श्री लीलाधर जगूडी, निदेशक दून पुस्तकालय डॉ.वी.के जोशी आदि ने भी
अपने विचार व्यक्त किये। समय साक्ष्य द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का
सम्पादन डॉ.विजय बहुगुणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री
डॉ.धन सिंह रावत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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