यौन उत्पीड़न के लंबित मामलों में डीएनए जांच के लिए फोरेंसिक लैब की कमी से निपटने हेतु अगले तीन माह में ऐसी पांच और लैब खोली जाएगी : श्रीमती मेनका संजय गांधी
महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज केन्द्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएसएफएल), चंडीगढ़
के परिसर में सखी सुरक्षा आधुनिक डीएनए फोरेंसिक लैबोरेट्री की आधारशिला
रखी। कार्यक्रम में मंत्री महोदया ने कहा कि आपराधिक जांच में फोरेंसिक
परीक्षण की अहम भूमिका होती है और देश में यौन उत्पीड़न के लंबित मामलों
की फोरेंसिक डीएनए जांच में कमी से निपटने में एडवांस्ड लैब का काफी योगदान
होगा। मंत्री महोदया ने कहा कि यह लैब आदर्श फोरेंसिक लैब के तौर पर
स्थापित की जा रही है और देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी ही लैब शुरू की
जाएगी।
मंत्री महोदया ने बताया कि सीएसएफएल, चंडीगढ़
की वर्तमान क्षमता 160 मामले प्रतिवर्ष से कम है और सखी सुरक्षा आधुनिक
डीएनए फोरेंसिक लैबोरेट्री से यह क्षमता लगभग 2,000 मामले प्रतिवर्ष बढ़
जाएगी। मंत्री महोदया ने बताया कि अगले तीन माह में पांच और आधुनिक
फोरेंसिक लैब मुम्बई, चेन्नई, गुवाहाटी, पुणे और भोपाल में खुलेंगी,
जिससे प्रयोगशालाओं की कुल न्यूनतम वार्षिक क्षमता 50,000 मामले हो जाएगी।
चेन्नई और मुम्बई में प्रयोगशालाओं की स्थापना महिला और बाल विकास
मंत्रालय के कोष से होगी, जबकि शेष तीन लैब की स्थापना के लिए वित्तीय
सहायता गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि
अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरने और महिलाओं को समयबद्ध तरीके से
न्याय दिलाने के लिए डीएनए प्रौद्योगिकी के लिए आधुनिक डीएनए फोरेंसिक
प्रयोगशालाओं की आवश्यकता हैं।
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