लखनऊ:
अंग्रेजी और हिंदी माध्यम से भी हो सकेगी पढाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मदरसा शिक्षा में बदलाव को मंजूरी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अब एनसीआरटी पाठ्यक्रम के तहत तालीम दी जाएगी.
मदरसे के छात्र उर्दू के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मदरसों में दीनी तालीम के अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती है. सरकार ने मदरसा बोर्ड ने मदरसों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दीनी-तालीम के साथ-साथ विषयवार व कक्षावार एनसीईआरटी की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करने और उर्दू के साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई का प्रस्ताव किया है.
कैबिनेट ने यूपी अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली के भाग एक प्रस्तर 10(ज) में इन प्रावधानों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है.
ज्ञात हो की भारत के तमाम मदरसों में सिर्फ अरबी , फ़ारसी माध्यम से पढाई कराइ जाती है. उनके अपने पाठ्यक्रम होते है जो कि मुख्य विषयगत न होकर धार्मिक होते है. वइसे भी दो प्रकार के मदरसे होते है, एक वो जहाँ केवल दीनी तालीम दी जाती है , जो केवळ अरबी और फ़ारसी में होती है. वहां उर्दू भी प्रयोग नहीं होती.
दूसरे मदरसे वह होतें है जहाँ उर्दू माध्यम से कुछ विषयों की पढाई होती है. शायद वाहन अब सरकारी प्रयासों से हिंदी और अंग्रेजी माध्यमों से पढाई हो सकेगी.
अंग्रेजी और हिंदी माध्यम से भी हो सकेगी पढाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मदरसा शिक्षा में बदलाव को मंजूरी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अब एनसीआरटी पाठ्यक्रम के तहत तालीम दी जाएगी.
मदरसे के छात्र उर्दू के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मदरसों में दीनी तालीम के अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती है. सरकार ने मदरसा बोर्ड ने मदरसों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दीनी-तालीम के साथ-साथ विषयवार व कक्षावार एनसीईआरटी की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करने और उर्दू के साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई का प्रस्ताव किया है.
कैबिनेट ने यूपी अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली के भाग एक प्रस्तर 10(ज) में इन प्रावधानों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है.
ज्ञात हो की भारत के तमाम मदरसों में सिर्फ अरबी , फ़ारसी माध्यम से पढाई कराइ जाती है. उनके अपने पाठ्यक्रम होते है जो कि मुख्य विषयगत न होकर धार्मिक होते है. वइसे भी दो प्रकार के मदरसे होते है, एक वो जहाँ केवल दीनी तालीम दी जाती है , जो केवळ अरबी और फ़ारसी में होती है. वहां उर्दू भी प्रयोग नहीं होती.
दूसरे मदरसे वह होतें है जहाँ उर्दू माध्यम से कुछ विषयों की पढाई होती है. शायद वाहन अब सरकारी प्रयासों से हिंदी और अंग्रेजी माध्यमों से पढाई हो सकेगी.
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