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केंद्रीय कपड़ा उद्योग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भारत सरकार की ओर से जारी विशेष अपेक्षा वाले जिलों की श्रेणी में शामिल हरिद्वार के लिए विशेष नीति निर्धारण के लिए जनपद हरिद्वार के अधिकारियों की बैठक ली। श्री टम्टा को केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखण्ड का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। बैठक में प्रभारी ज्वाइन्ट सेक्रेटरी ज्योत्सना सिटलिंग एवं श्रीमती निधिमणि त्रिपाठी भारत सरकार, जिलाधिकारी श्री दीपक रावत, सीडीओ श्रीमती स्वाती भदौरिया उपस्थिति रही।
मंत्री श्री टम्टा ने बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने, जिले में स्वास्थ्य की स्थिति संतोषजनक बनाने, प्राथमिक से इण्टरमीडिएट तक के विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्ष सुलभ कराने, विद्यालयों में पेयजल, विद्युत शौचालयों की सुविधा शत प्रतिशत किये जाने में जनपद में विभागो के समक्ष आ रही चुनौतियों की जानकारी ली। जिन चुनौतियों का समाधान जिला स्तर और राज्य स्तर पर नहीं हो पा रहा है उन्हें भारत सरकार के समक्ष ले जाये जाने के लिए अधिकारियों से एक स्पष्ट रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
चिकित्सा, शिक्षा, जिले में घुमंतो श्रेणी के बालकों की शिक्षा व्यवस्था, विद्यालयों में छात्रों का अनिवार्य पंजिकरण, पोषण, कौशल विकास, कृषकों की आय दोगुना करना, गुणवत्ता विहिन पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्र, स्टैण्ड अप इण्डिया एवं स्किल इण्डिया आदि योजनाओं की स्थिति को पूर्णतः सुधार कर जनपद को अति पिछड़े जिलों की श्रेणी से बाहर लाने के लक्ष्य को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियो हासिल करना है। श्री टम्टा ने जिला स्तरीय अधिकारियों से योजनाओं को प्रभावी बनाने तथा इनका लाभ सीधे लाभार्थी तक पहुंचे इस पर सुझाव आमंत्रित किये जिनसे केंद्र सरकार को अवगत कराया जायेगा।
सुश्री ज्योत्सना ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, स्वच्छता, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कृषि कार्यों को अधिक महत्व दिया जाय। योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से भी नीति आयोग को अवगत कराया जाय। भारत सरकार की मंशा अनुरूप इन जनपदों का 2022 तक समग्र विकास करना है। सुश्री ज्योत्सना ने बताया कि नीति आयोग द्वारा देश में चयनित 115 जिलों के विकास कार्याें का मूल्यांकन किसी तीसरी पार्टी के माध्यम से हर वर्ष कराया जायेगा ताकि पता चल सके कि कौन सा जनपद किस क्षेत्र में कितना विकास कर रहा है।
बैठक में जिलाधिकारी दीपक रावत द्वारा जनपद की विभिन्न समस्याओं के साथ ही विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया गया। जिलाधिकारी द्वारा मेनपावर की समस्या को जनपद की प्रमुख समस्या बताया गया। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि विशेष रुप से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अभाव में जनपद में स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावित होती हैं। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कार्ययोजना के साथ ही विभागों से जुडी फण्ड, मेनपावर, मशीनरी आदि की डिमाण्ड जो भारत सरकार द्वारा पूरी की जा सकती है से भी नीति आयोग को अवगत करायें।
बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट श्री मनीष सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी श्री अशोक गैरोला, पीडी संजीव राय, डीडीओ पुष्पेन्द्र चैहान, शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री टम्टा ने बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने, जिले में स्वास्थ्य की स्थिति संतोषजनक बनाने, प्राथमिक से इण्टरमीडिएट तक के विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्ष सुलभ कराने, विद्यालयों में पेयजल, विद्युत शौचालयों की सुविधा शत प्रतिशत किये जाने में जनपद में विभागो के समक्ष आ रही चुनौतियों की जानकारी ली। जिन चुनौतियों का समाधान जिला स्तर और राज्य स्तर पर नहीं हो पा रहा है उन्हें भारत सरकार के समक्ष ले जाये जाने के लिए अधिकारियों से एक स्पष्ट रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
चिकित्सा, शिक्षा, जिले में घुमंतो श्रेणी के बालकों की शिक्षा व्यवस्था, विद्यालयों में छात्रों का अनिवार्य पंजिकरण, पोषण, कौशल विकास, कृषकों की आय दोगुना करना, गुणवत्ता विहिन पेयजल आपूर्ति वाले क्षेत्र, स्टैण्ड अप इण्डिया एवं स्किल इण्डिया आदि योजनाओं की स्थिति को पूर्णतः सुधार कर जनपद को अति पिछड़े जिलों की श्रेणी से बाहर लाने के लक्ष्य को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियो हासिल करना है। श्री टम्टा ने जिला स्तरीय अधिकारियों से योजनाओं को प्रभावी बनाने तथा इनका लाभ सीधे लाभार्थी तक पहुंचे इस पर सुझाव आमंत्रित किये जिनसे केंद्र सरकार को अवगत कराया जायेगा।
सुश्री ज्योत्सना ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, स्वच्छता, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कृषि कार्यों को अधिक महत्व दिया जाय। योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से भी नीति आयोग को अवगत कराया जाय। भारत सरकार की मंशा अनुरूप इन जनपदों का 2022 तक समग्र विकास करना है। सुश्री ज्योत्सना ने बताया कि नीति आयोग द्वारा देश में चयनित 115 जिलों के विकास कार्याें का मूल्यांकन किसी तीसरी पार्टी के माध्यम से हर वर्ष कराया जायेगा ताकि पता चल सके कि कौन सा जनपद किस क्षेत्र में कितना विकास कर रहा है।
बैठक में जिलाधिकारी दीपक रावत द्वारा जनपद की विभिन्न समस्याओं के साथ ही विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया गया। जिलाधिकारी द्वारा मेनपावर की समस्या को जनपद की प्रमुख समस्या बताया गया। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि विशेष रुप से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अभाव में जनपद में स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावित होती हैं। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कार्ययोजना के साथ ही विभागों से जुडी फण्ड, मेनपावर, मशीनरी आदि की डिमाण्ड जो भारत सरकार द्वारा पूरी की जा सकती है से भी नीति आयोग को अवगत करायें।
बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट श्री मनीष सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी श्री अशोक गैरोला, पीडी संजीव राय, डीडीओ पुष्पेन्द्र चैहान, शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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