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नैनीताल ;
हाइकोर्ट  ने सख्त रुख अख्तियार करए हुए सरकार द्वारा जारी समस्त अधिसूचनाओं को दरकिनार कर दिया है।

     जिसके चलते राज्य में निकाय चुनावों को लेकर असमंजस बढ़ गया है। हाई कोर्ट से निकायों के परिसीमन मामले में त्रिवेंद्र सरकार को अब तक का सबसे बड़ा झटका देते हुए सीमा विस्तार से संबंधित सभी अधिसूचनाएं निरस्त कर दी हैं। कोर्ट ने अधिसूचना राज्यपाल की ओर से जारी नहीं होने को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद निकायों के परिसीमन और आरक्षण को लेकर की गई सरकारी प्रयास बेकार हो  गए है। अब इस मामले में सरकार के रुख का भी इंतजार है।
दरअसल हल्द्वानी, पिथौरागढ़, डोईवाला, भवाली, टनकपुर, कोटद्वार समेत दो दर्जन निकायों के सीमा विस्तार का अलग अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई थी। याचिकाओं में कहा गया था कि अधिसूचना राज्यपाल से जारी की जानी चाहिए थी, मगर यह शहरी विकास निदेशालय से जारी की गई।
पिछले दिनों सरकार ने इस मामले में जवाब दाखिल किया था। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख दिया था। सोमवार को दोपहर दो बजे जस्टिस सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने सीमा विस्तार को लेकर को गई प्रक्रिया को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया।

हाईकोर्ट में निकाय चुनाव रमजान के बाद कराने को लेकर याचिका दायर हुई है। अदालत इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकलपीठ मामले में यह मामला सुना जाएगा। हरिद्वार के भगवानपुर निवासी इफरान अली ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें कहा कि प्रदेश सरकार निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रही है। इधर 15 मई से रमजान शुरू हो रहा है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं। इसके चलते उन्हें चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी करने में परेशानी होगी। इसे देखते हुए सरकार को निकाय चुनाव रमजान के बाद कराने चाहिए। याचिका में अदालत से इसके लिए सरकार को आदेश देने की मांग की है। एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तिथि तय की थी। आज भी इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी आप हाई कोर्ट ने इस याचिका पर 15 मई यानी कि कल की तारीख नियत कर दी है 

रुड़की नगर निगम से संबंधित याचिका अभी पेंडिंग है --
रुड़की नगर निगम में पाड़ली और रामपुर गांव को शामिल करने संबंधी याचिका अभी अनडेटेड है। इस याचिका पर 19 मार्च को कोर्ट ने सरकार से डॉक्यूमेंट मांगे थे । जिसमें सरकार की ओर से अभी तक ना तो कोई डॉक्यूमेंट दाखिल किए गए ना ही कोई जवाब दिया गया। इसीलिए याचिका अनडेटेड चल रही है। बता दे कि एडवोकेट सफदर अली की ओर से त्रिवेंद्र कैबिनेट द्वारा रामपुर और पाड़ली गांव को रूड़की नगर निगम से बाहर निकाले जाने का जो निर्णय लिया था उसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने कैबिनेट के निर्णय पर स्थगन आदेश दिया है। यह स्थगन आदेश अभी जारी है।

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