ऋषिकेश :
परमार्थ निकेतन की दिव्य गंगा आरती में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जी सपरिवार पधारे। उन्होने सपरिवार परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद लिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जी ने हरिद्वार, स्वर्गाश्रम और ऋषिकेश क्षेत्र में गंगा में गिरते नालों के विषय में चर्चा करते हुये नालो को टेप करने हेतु प्रभावी कदम उठाने की बात कही। साथ ही स्वामी जी महाराज ने हरिद्वार क्षेत्र को स्वच्छ, सुन्दर तथा आगामी मानसून में सड़कों के दोनों ओर छायादार एवं फलदार पौधों के रोपण के विषय में विचार विमर्श किया। उन्होने कहा कि हरिद्वार पवित्र क्षेत्र है; इस दिव्य क्षेत्र की वैश्विक पहचान है; यह क्षेत्र करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र है अतः इसे स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने के लिये उचित कूड़ा प्रबंधन व सौन्द्रयीकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।’
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिये तकनीकी के साथ तन-मन से समर्पण की जरूरत है। गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिये जन शक्ति और कुशल प्रबंधन दोनों नितांत आवश्यक हैं।
परमार्थ गंगा आरती में अपने विचार साझा करते हुये मदन कौशिक जी ने कहा कि परमार्थ गंगा आरती में सहभाग कर हृदय में दिव्यता का संचार होता है इस दैवीय आनन्द को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। उन्होने कहा कि गंगा के सभी तटों पर आरती का क्रम आरम्भ हो जाये तो गंगा के तटों का सौन्द्रयीकरण एवं स्वच्छता अपने आप स्थापित हो जायेंगी।
स्वामी जी महाराज ने पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा माननीय मंत्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने गंगा आरती में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं और विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संकल्प कराया। उन्होने कहा कि संकल्प में बहुत बल होता है अतः अपने गावांे, शहरों और देश में स्वच्छता को स्थापित करने के लिये हर भारतीय को अपने दिल में स्वच्छता का समावेश करना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जी ने हरिद्वार, स्वर्गाश्रम और ऋषिकेश क्षेत्र में गंगा में गिरते नालों के विषय में चर्चा करते हुये नालो को टेप करने हेतु प्रभावी कदम उठाने की बात कही। साथ ही स्वामी जी महाराज ने हरिद्वार क्षेत्र को स्वच्छ, सुन्दर तथा आगामी मानसून में सड़कों के दोनों ओर छायादार एवं फलदार पौधों के रोपण के विषय में विचार विमर्श किया। उन्होने कहा कि हरिद्वार पवित्र क्षेत्र है; इस दिव्य क्षेत्र की वैश्विक पहचान है; यह क्षेत्र करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र है अतः इसे स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने के लिये उचित कूड़ा प्रबंधन व सौन्द्रयीकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।’
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिये तकनीकी के साथ तन-मन से समर्पण की जरूरत है। गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिये जन शक्ति और कुशल प्रबंधन दोनों नितांत आवश्यक हैं।
परमार्थ गंगा आरती में अपने विचार साझा करते हुये मदन कौशिक जी ने कहा कि परमार्थ गंगा आरती में सहभाग कर हृदय में दिव्यता का संचार होता है इस दैवीय आनन्द को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। उन्होने कहा कि गंगा के सभी तटों पर आरती का क्रम आरम्भ हो जाये तो गंगा के तटों का सौन्द्रयीकरण एवं स्वच्छता अपने आप स्थापित हो जायेंगी।
स्वामी जी महाराज ने पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा माननीय मंत्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने गंगा आरती में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं और विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संकल्प कराया। उन्होने कहा कि संकल्प में बहुत बल होता है अतः अपने गावांे, शहरों और देश में स्वच्छता को स्थापित करने के लिये हर भारतीय को अपने दिल में स्वच्छता का समावेश करना होगा।
मदन कौशिक जी व परिवार को भेंट किया। इस पावन अवसर पर श्रीमती मनीषा कौशिक, श्री मुकेश कौशिक जी, श्रीमती बबिता कौशिक, श्री कौशिक जी के समधी श्री जगत प्रसाद मिश्र, श्रीमती दीपिका मिश्र, श्री कार्तिक कौशिक, श्री मुकेश कौशिक एवं अन्य परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
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