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डोईवालाः ,

 सीपीआर तकनीक बन सकती है जीवन रक्षक  ,स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कॉर्डियो पल्मोनरी सिससिटेशन विषय पर कार्यशाला का आयोजन

जिसमें काॅलेज आॅफ नर्सिंग के मेडिकल सर्जिकल विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में बीएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष, पोस्ट बीएससी प्रथम वर्ष, जीएनएम द्वितीय वर्ष व एमएससी प्रथम वर्ष के 191 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का शुभारंभ हिमालयन काॅलेज आॅफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डाॅ. संचिता पुगाजंडी ने डाॅ. स्वामी राम के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। डाॅ. संचिता पुगाजंडी ने बताया कि कॉर्डियो पल्मोनरी सिससिटेशन यानी सीपीआर, इस तकनीक के इस्तेमाल से किसी शख्स की सांस व दिल की धड़कन अचाकन रुक जाने पर उसे बचाया जा सकता है, उन्होंने कहा कि (सीपीआर) तकनीक का ज्ञान मेडिकल के छात्रों के साथ नाॅन किलिनिकल के छात्रों को भी होना चाहिए, जिससे की कभी जरूरत पड़ने पर किसी का जीवन बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि देश में हर साल लाखों लोगों की दिल की बिमारी की वजह से मौत हो जाती है। इनमें से पचास फीसदी लोगों की मौत वक्त पर अस्पताल न पहुंच पाने की वजह से होती है। ऐसे में सीपीआर तकनीक किसी जीवनदायिनी से कम नहीं। इस अवसर पर मेडिकल सर्जिकल विभागाध्यक्ष कमली प्रकाश ने कहा कि अगर किसी शख्स को दिल का दौरा पड़ा है तो उसकी जीवन की रक्षा के लिए शुरुआती कुछ मिनट बेहद अहम होते है। ऐसे में सीपीआर तकनीक का इस्तेमाल कर प्रभावित व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को इन जीवनदायी तकनीकों का प्रशिक्षण लेना चाहिए। क्योंकि आपातकालीन स्थिति से सामना कहीं भी और कभी भी हो सकता है। कार्यशाला में सीपीआर कार्यशाला में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने पुतलों पर प्रैक्टिस के साथ विडियो के माध्यम से सीपीआर की तकनीक को समझाया गया। इस अवसर पर कमली प्रकाश, डाॅ.कैथी, राजेश शर्मा, प्रीति प्रभा, पूजा ठाकुर, नीलम थापा, संध्या व राजेश्वरी मौजूद थे। 
सीपीआर देने के लिए ये तरीके अपनाएं
-मूर्छित व्यक्ति को सुरक्षित और समतल जगह पर ले जाएं।
-प्रभावित व्यक्ति के सीने पर हाथ रखकर उसका रिस्पांस देखे।ं
-अगर मरीज कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त कर रहा है तो तुरंत आपातकालीन नंबर एंबुलेंस नंबर पर फोन करें। ताकि आपातकालीन सेवाएं और सुविधाएं जल्द पहुंच सकें।
-30 बार कंप्रेशन देने के बाद मुंह से मरीज के मुंह में दो बार सास भरें। एक मिनट 
-अगर अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है तो प्रक्रिया दोहराएं।

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