रूद्रप्रयाग:
आगामी 02 मई को तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट विधिवत श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। 30 अप्रैल को भगवान तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ मंदिर से प्रस्थान कर भूतनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। 01 मई को डोली भूतनाथ मंदिर मक्कूमठ से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम भूतनाथ मंदिर चोपता में करेगी। जिसके बाद 02 मई को डोली सुबह अपने धाम तुंगनाथ पहुंचेगी और इसी दिन 10:30 बजे तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
द्वितीय केदार भगवान मद्दमहेश्वर के कपाट आगामी 21 मई को श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। 18 मई को भगवान की डोली ओंमकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह से बाहर आकर सभामण्डप में परम्परानुसार रात्रि विश्राम करेगी। 19 मई को ग्राम रांसी में रात्रि विश्राम करेगी। 20 मई को रांसी से प्रस्थान कर गौण्डार में रात्रि विश्राम करेगी। 21 मई को गौण्डार से सुबह प्रस्थान कर डोली अपने धाम पहुंचेगी और इसी दिन 11ः30 बजे भगवान मद्महेश्वर के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जांएगे।
आगामी 02 मई को तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट विधिवत श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। 30 अप्रैल को भगवान तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ मंदिर से प्रस्थान कर भूतनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। 01 मई को डोली भूतनाथ मंदिर मक्कूमठ से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम भूतनाथ मंदिर चोपता में करेगी। जिसके बाद 02 मई को डोली सुबह अपने धाम तुंगनाथ पहुंचेगी और इसी दिन 10:30 बजे तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
द्वितीय केदार भगवान मद्दमहेश्वर के कपाट आगामी 21 मई को श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। 18 मई को भगवान की डोली ओंमकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह से बाहर आकर सभामण्डप में परम्परानुसार रात्रि विश्राम करेगी। 19 मई को ग्राम रांसी में रात्रि विश्राम करेगी। 20 मई को रांसी से प्रस्थान कर गौण्डार में रात्रि विश्राम करेगी। 21 मई को गौण्डार से सुबह प्रस्थान कर डोली अपने धाम पहुंचेगी और इसी दिन 11ः30 बजे भगवान मद्महेश्वर के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जांएगे।
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