परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को 22 परिचालकों को पुनः काम पर लेना होगा
ये फैसला नैनीताल हाईकोर्ट की स्पेशल बैंच ने माननीय न्यायाधीश लोकपाल सिंह की अदालत ने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी करते हुऐ दिया और साथ ही यह भी कहा तत्काल निकाले गये परिचालकों को कामकाम पर वापस लिया जाये। उन्हें बिना जाँच के आरोपित करना दंडनीय हैं।
22 परिचालकों की याचिकाओं पर सुनाई करते हुऐ मुख्य न्यायाधीश द्वारा सांसद/सीनियर सीटिजन के टिकटों पर परिचालकों को आरोपित करना सही नही हैं।
मुख्य न्यायाधीश द्वारा 22 परिचालकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुऐ ,21 अप्रैल महाप्रबधंक संचालन उत्तराखंड/सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधक के आदेशों पर स्टे करते हुऐ परिचालकों की पूर्व की तरह सेवा बहाल करते हुऐ आदेश जारी किया।
आदेश जारी होने पर उत्तराँचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के सदस्य/सभी दोषमुक्त परिचालकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई,हाईकोर्ट में परिचालकों की और से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता आई पी कोहली और अजय पाठक ने की ,उत्तरांचल रोडवेजकर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै और महामंत्री अशोक चौधरी ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहाँ उन्हें न्याय के मंदिर पर पूरा भरोसा था।
,फैसले के वक्त न्यायलय की शरण मे जाने वाले 22 परिचालकों के यूनियन के दर्जनो पदधिकारी डी एल साह, अरुण सिंह,के पी सिंह,सुनील जोशी,राम अवध यादव,कोमल बिष्ट,मोहन चंद,बी सी पंत,पुष्कर नेगी,धीरज फर्त्याल,सतीश लाल,रमेश राणा,हरीश शर्मा,चंद्र मोहन शर्मा,दीपक तिवाड़ी,पवन राणा,संतोष कुमार,कैलाश चंद,रवि पालीवाल,श्रवण कुमार,सहित यूनियन के दर्जनों पदाधिकारी मौजूद थे,
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