देहरादून:
- 28 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा
- ई-वाहन से कार्बन-डाई-ऑक्साईड का उत्सर्जन कम होगा।
- इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग में मात्र 15 रुपये प्रतिदिन
- एक बार में चार्ज होने पर यह कार 140 किलोमीटर तक चल सकेगी
मुख्य
सचिव उत्पल कुमार सिंह को भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी
सर्विसेज लिमिटेड (ई.ई.एस.एल.) ने पहली इलैक्ट्रिक कार की चाभी सौंपी। इससे
उत्तराखण्ड में ई-परिवहन की यात्रा शुरू हो गई है। सचिवालय में सोमवार को
इलैक्ट्रिक कार की चाबी ग्रहण करने के बाद सचिव वित्त श्री अमित नेगी को
टेस्ट ड्राइव के लिए सौपी।
मुख्य सचिव ने बताया कि ई-वाहन से
कार्बन-डाई-ऑक्साईड का उत्सर्जन कम होगा। प्रदूषण और लागत को कम करने के
लिए राज्य में चरणबद्ध रूप से ई-वाहन का संचालन किया जाएगा। पहले चरण में
20 वाहन ई.ई.एस.एल. से लिये जाएंगे।
सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका
झा ने बताया कि इन वाहनों के लिए ई.ई.एस.एल. 38 हजार रुपये प्रति माह
किराया लेगा। इसमें ड्राईवर का व्यय भी शामिल है। इलेक्ट्रिक कार की
चार्जिंग में मात्र 15 रुपये प्रतिदिन व्यय होंगे। इन कारों के संचालन में
मात्र 28 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा। एक बार में चार्ज होने पर यह
कार 140 किलोमीटर तक चल सकेगी।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने वर्ष
2020 तक भारतीय सड़कों पर 60 से 70 लाख इलैक्ट्रिक वाहन लाने का लक्ष्य रखा
है। इसके लिए नेशनल इलैक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान शुरू किया गया है। इंटरनल
कंबस्टर्न इंजन पर आधारित परिवहन की जगह इलैक्ट्रिक वाहन लाने के इस बदलाव
से तेल आयात में कमी होगी। वित्तीय बोझ भी काफी कम होगा। कार्बन फुटप्रिंट
भी घटेगा। इससे देश में प्रतिवर्ष 5.6 लाख टन कार्बन-डाई-ऑक्साईड उत्सर्जन
काम होगा।
इस अवसर पर सचिव वित्त श्री अमित नेगी, राज्य संपत्ति
अधिकारी श्री विनय शंकर पांडेय, निदेशक उरेडा श्री अरुण त्यागी सहित अन्य
अधिकारी उपस्थित थे।
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