हल्द्वानी :
सट्टे का कारोबार कुछ लोगों को अमीर तो कुछ को बना रहा गरीब
हल्द्वानी में आई पी एल की धूम मची हुई है क्रिकेट के दीवाने पूरी मौज और मस्ती के साथ इस का आनंद ले रहे हैं क्रिकेट की है दीवानगी क्रिकेट के प्रेमियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी आड़ में सट्टा खेलने वाले दिन रात चांदी की दीवार खड़े करते जा रहे हैं आई पी एल की बढ़ती मांग का परिणाम यह भी रहा है कि बड़ी तादाद में युवा वर्ग सट्टे का आदि होता जा रहा है इस क्रिकेट लीग में हर बॉल पर पैसा खेलता है हर सीट पर पैसा तय होता है और लाखों वारे न्यारे होते हैं सट्टे का कारोबार अब ज्यादा पनपता है जब आई पी एल का दौर चलता है जब चारों तरफ क्रिकेट का बोल बाला है तो ऐसे में सट्टे वाले भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं ऐसा भी नहीं है कि पुलिस इस खेल से पूरी तरह अनजान हो। अगर सूत्रों की माने तो ज्ञात रहें एक थाना पुलिस ने पांच सट्टा करने वालों को गिरफ्तार किया और सूत्र बताते हैं की फिर उन्हें छोड़ भी दिया इसी प्रकार कुछ दिन पूर्व भी नई मंडी थाना क्षेत्र में भी एक युवती समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया जिन से मोटी रकम बरामद हुई लेकिन पुलिस ने लिखा-पढ़ी में केवल मामूली सी रकम दिखाई सवाल यह है जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हैं छोटे-छोटे सट्टे वाले अक्सर पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं आखिर क्या कारण है कि इस खेल के बड़े माफिया पुलिस की पकड़ से दूर रहते हैं या फिर कहीं पुलिस की कोई सेटिंग तो नहीं है।सवाल तो कई है पुलिस पर भी उठते हैं कई बड़े गिरोह आईपीएल के नाम पर सट्टे का कारोबार चला रहे हैं जिनके ऊपर तक जुड़े हुए हैं लेकिन यह पुलिस पकड़ से दूर हैं कई मोहल्लों में सट्टे का कारोबार युवाओं के लिए एक प्रकार से नशे का कारोबार हो गया है थाना शहर कोतवाली के अंतर्गत कई गांव ऐसे हैं जहां पर खेल शुरू होते ही सट्टे का खेल शुरू हो जाता है कौन लोग कर रहे हैं इससे पुलिस अनजान है यह वास्तव में हास्यपद स्थिति कही जा सकती है बेहतर हो की पुलिस अपने मजबूत खुफिया तंत्र की मदद से खुलेआम बैठ कर यह अवैध सट्टा करने वालों को गिरफ्तार करें ताकि एक प्रकार से नशे का रूप ले चुका वह बन्द हो। यह कारोबार युवाओं की बुनियाद तक न पहुंचे सूत्रों से पता चलता है कि इस सट्टे के कारोबार का मुख्य सूत्र बताते हैं सुजड़ू का चर्चित युवक है जिसके तार कई तथाकथित पत्रकारों नेताओं एवं पुलिस से जुड़े हुए बताए जाते हैं और यह आज तक पुलिस की पकड़ में नहीं आये हैं और पुलिस पकड़ से दूर है या फिर जानबूझकर पुलिस इस पर मेहरबान है इस बारे में बड़े अधिकारी ही कुछ संज्ञान ले तो शायद कुछ हो सकता है अन्यथा तो यह कारोबार कुछ लोगों को अमीर तो कुछ को बहुत गरीब बना रहा है
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