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उत्तराखंड का तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर बन कर तैयार
18 अप्रैल को मंदिर में विराजमान होंगे नृसिंह भगवान

जोशीमठ :
जहाँ चारधाम यात्रा की तैयारियां चरम उत्कर्ष पर है वही जोशीमठ में भगवन नरसिंघ कला प्राचीन मंदिर पुनः निर्मित हो चूका है इस बार चारधाम यात्री चारो धाम के साथ भगवान नरसिंघ के दर्शन  कर पाएंगे।आगामी 18 अप्रैल को नृसिंह भगवान अपने नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हो  जाएंगे। भगवान बदरीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव जोशीमठ में स्थित नृसिंह भगवान का मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गया था। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने इसका नव निर्माण करवाया है। लगभग साढ़े चार करोड़ की लागत से निर्मित यह मंदिर बनकर तैयार हो गया है। मंदिर की नक्काशी हिमाद्रि शैली में की गयी है।

  नवनिर्मित नृसिंह भगवान का मंदिर उत्तराखंड का तीसरा सबसे उच्चा भव्य मंदिर है। मंदिर की ऊंचाई 68 फीट है। प्रदेश का सबसे ऊंचा मंदिर भगवान केदारनाथ जी (72 फीट ) का है, जबकि दूसरे स्थान पर गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ जी (71 फीट ) का मंदिर है। भगवान  नृसिंह  मंदिर का सौन्दर्य अभिभूत करने वाला है। यहां  से हाथी पर्वत के साथ ही गगनचुंबी पर्वत श्रृंखलाएं,नदी ,घाटियां बरवस पर्यटको व तीर्थयात्रियों का मन मोह लेती है।
 18 अप्रैल को धार्मिक परंपराओं व बिधि बिधान के साथ नृसिंह भगवान 15 किग्रा चांदी से निर्मित सिंहासन पर नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हो जायेंगे। भगवान नृसिंह के गर्भगृह के लिए चांदी का सिंहासन एक व्यापारी द्वारा गुप्त दान में भेंट की गयी है। 16 अप्रैल से नवनिर्मित मंदिर में वेद पूजांए शुरू हो जायेंगी। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा इस धार्मिक अनुष्ठान की तैयारीयां शुरू कर दी गई हैं।

आप सभी भक्तजनों से आग्रह है की इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान मे अपना अमूल्य सहयोग प्रदान कर धन- मान- सम्मान, आरोग्य व दीर्घायु की कामना कर पुण्य लाभ अर्जित करें।

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