देहरादून।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया है कि वे अपने संबंधित जिलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चौकस रहें ताकि आरक्षण के बारे में कुछ संगठनों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विशेष रूप से देहरादून और हरिद्वार जिला मजिस्ट्रेटों को अपने संबंधित जिलों में सभी कीमतों पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखा जाएगा और किसी को भी अपने हाथों में कानून लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर, एडीजी (कानून और व्यवस्था) अशोक कुमार ने ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की के पास कानून और व्यवस्था की स्थिति का जिक्र किया है।
बता न दे कि कल
दिल्ली हाईवे पर भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने एक रोडवेज बस को आग लगा दी। सीओ की गाड़ी और यूपी रोडवेज की दो बसों में तोड़फोड़ की है। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। हालात को देखते हुए पूरे हरिद्वार जिले में धारा 144 लागू कर दी गयी है।
शाम को दिल्ली हाईवे पर बिझौली के पास एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। पुलिस जाम खुलवाने के लिए बसों को रूट डायवर्ट कर दूसरे मार्ग से भेजने का प्रयास कर रही थी। सीओ मंगलौर परीक्षित कुमार के नेतृत्व में वाहनों को अलग-अलग जगह से भेजा जा रहा था। इस बीच भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। सीओ की गाड़ी को तोड़ दिया गया।उत्तराखंड रोडवेज की एसी बस में आग लगा दी गई। सूचना पर डीएम दीपक रावत, एसएसपी कृष्ण कुमार वीके भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जंगल में कांबिंग कर रही है। एक स्कूल के अंदर भी घुसकर बसों में तोड़फोड़ की गई। वहीं यूपी रोडवेज की दो और बसों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। दस दौरान पथराव में 12 से अधिक पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है।
एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ पश्चिमी यूपी में आंदोलन के दौरान हुई आगजनी में उत्तराखंड परिवहन निगम की दो बसें फूंक दी गईं और 12 बसों में तोड़फोड़ की गई। तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही परिवहन निगम ने सोमवार दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक दून-दिल्ली रूट के साथ ही हल्द्वानी-दिल्ली रूट की बसों का संचालन रोक दिया। इस दौरान यात्रियों को भारी फजीहत झेलनी पड़ी।
इससे पहले दिन में दलितों के इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। रुड़की में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पथराव-फायरिंग में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए हैं। रुड़की गणेशपुर में हालात बेकाबू हैं। लोग घरों में छुप गए हैं। उधर, हरिद्वार में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे दलित समाज के लोगों पर जमकर लाठीचार्ज किया है। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है रुड़की और हरिद्वार में इंटरनेट और केबल टीवी पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
एससी-एसटी उत्पीड़न प्रतिरोधक कानून को लेकर सोमवार देशव्यापी बंद के आह्वान पर हरिद्वार के बहादराबाद में करीब 120 गांवों से दलित समाज के लोग जुटे थे। सैनिक समता दल और भीम आर्मी के बैनरतले ये लोग बीएचईएल तिराहे पर धरना दे रहे थे। करीब दो से ढाई हजार लोगों के सड़क उतरने से हरिद्वार मार्ग पूरी तरह जाम हो गया था।रुड़की गणेशपुर में हालात बेकाबू हैं। लोग घरों में छुप गए हैं। उधर, हरिद्वार में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे दलित समाज के लोगों पर जमकर लाठीचार्ज किया है। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है रुड़की और हरिद्वार में इंटरनेट और केबल टीवी पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
एससी-एसटी उत्पीड़न प्रतिरोधक कानून को लेकर सोमवार देशव्यापी बंद के आह्वान पर हरिद्वार के बहादराबाद में करीब 120 गांवों से दलित समाज के लोग जुटे थे। सैनिक समता दल और भीम आर्मी के बैनरतले ये लोग बीएचईएल तिराहे पर धरना दे रहे थे। करीब दो से ढाई हजार लोगों के सड़क उतरने से हरिद्वार मार्ग पूरी तरह जाम हो गया था। सुबह करीब दस बजे से ग्रामीण धरने पर बैठे हुए थे। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। करीब 12 बजे एसएसपी प्रदर्शनकारियों पर वार्ता करने मौके पर पहुंचे।
बताया जा रहा है कि एसएसपी के दस्ते में शामिल ब्लैक कमांडों ने भीड़ पर काबू करने के लिए कुछ लोगों पीछे करना शुरू किया। इस दौरान लोगों पर हल्का बल प्रयोग किया गया। इस बीच लोगों में अफवाह फैल गयी कि पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया है। इससे भगदड़ मच गयी। आरोप है कि पीछे कुछ लोगों ने पुलिस के ऊपर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ बेकाबू होने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस प्रदर्शनकारियों ने पकड़-पकड़ कर पीटा। इस दौरान कई लोगों के घायल होने की सूचना है। पुलिस के लाठी भांजने के बाद प्रदर्शनकारी वहां से भाग खड़े हुए। मौके पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गयी थी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया है कि वे अपने संबंधित जिलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चौकस रहें ताकि आरक्षण के बारे में कुछ संगठनों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विशेष रूप से देहरादून और हरिद्वार जिला मजिस्ट्रेटों को अपने संबंधित जिलों में सभी कीमतों पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखा जाएगा और किसी को भी अपने हाथों में कानून लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर, एडीजी (कानून और व्यवस्था) अशोक कुमार ने ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की के पास कानून और व्यवस्था की स्थिति का जिक्र किया है।
बता न दे कि कल
दिल्ली हाईवे पर भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने एक रोडवेज बस को आग लगा दी। सीओ की गाड़ी और यूपी रोडवेज की दो बसों में तोड़फोड़ की है। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। हालात को देखते हुए पूरे हरिद्वार जिले में धारा 144 लागू कर दी गयी है।
शाम को दिल्ली हाईवे पर बिझौली के पास एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। पुलिस जाम खुलवाने के लिए बसों को रूट डायवर्ट कर दूसरे मार्ग से भेजने का प्रयास कर रही थी। सीओ मंगलौर परीक्षित कुमार के नेतृत्व में वाहनों को अलग-अलग जगह से भेजा जा रहा था। इस बीच भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। सीओ की गाड़ी को तोड़ दिया गया।उत्तराखंड रोडवेज की एसी बस में आग लगा दी गई। सूचना पर डीएम दीपक रावत, एसएसपी कृष्ण कुमार वीके भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जंगल में कांबिंग कर रही है। एक स्कूल के अंदर भी घुसकर बसों में तोड़फोड़ की गई। वहीं यूपी रोडवेज की दो और बसों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। दस दौरान पथराव में 12 से अधिक पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है।
एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ पश्चिमी यूपी में आंदोलन के दौरान हुई आगजनी में उत्तराखंड परिवहन निगम की दो बसें फूंक दी गईं और 12 बसों में तोड़फोड़ की गई। तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही परिवहन निगम ने सोमवार दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक दून-दिल्ली रूट के साथ ही हल्द्वानी-दिल्ली रूट की बसों का संचालन रोक दिया। इस दौरान यात्रियों को भारी फजीहत झेलनी पड़ी।
इससे पहले दिन में दलितों के इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। रुड़की में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पथराव-फायरिंग में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए हैं। रुड़की गणेशपुर में हालात बेकाबू हैं। लोग घरों में छुप गए हैं। उधर, हरिद्वार में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे दलित समाज के लोगों पर जमकर लाठीचार्ज किया है। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है रुड़की और हरिद्वार में इंटरनेट और केबल टीवी पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
एससी-एसटी उत्पीड़न प्रतिरोधक कानून को लेकर सोमवार देशव्यापी बंद के आह्वान पर हरिद्वार के बहादराबाद में करीब 120 गांवों से दलित समाज के लोग जुटे थे। सैनिक समता दल और भीम आर्मी के बैनरतले ये लोग बीएचईएल तिराहे पर धरना दे रहे थे। करीब दो से ढाई हजार लोगों के सड़क उतरने से हरिद्वार मार्ग पूरी तरह जाम हो गया था।रुड़की गणेशपुर में हालात बेकाबू हैं। लोग घरों में छुप गए हैं। उधर, हरिद्वार में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे दलित समाज के लोगों पर जमकर लाठीचार्ज किया है। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है रुड़की और हरिद्वार में इंटरनेट और केबल टीवी पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
एससी-एसटी उत्पीड़न प्रतिरोधक कानून को लेकर सोमवार देशव्यापी बंद के आह्वान पर हरिद्वार के बहादराबाद में करीब 120 गांवों से दलित समाज के लोग जुटे थे। सैनिक समता दल और भीम आर्मी के बैनरतले ये लोग बीएचईएल तिराहे पर धरना दे रहे थे। करीब दो से ढाई हजार लोगों के सड़क उतरने से हरिद्वार मार्ग पूरी तरह जाम हो गया था। सुबह करीब दस बजे से ग्रामीण धरने पर बैठे हुए थे। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। करीब 12 बजे एसएसपी प्रदर्शनकारियों पर वार्ता करने मौके पर पहुंचे।
बताया जा रहा है कि एसएसपी के दस्ते में शामिल ब्लैक कमांडों ने भीड़ पर काबू करने के लिए कुछ लोगों पीछे करना शुरू किया। इस दौरान लोगों पर हल्का बल प्रयोग किया गया। इस बीच लोगों में अफवाह फैल गयी कि पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया है। इससे भगदड़ मच गयी। आरोप है कि पीछे कुछ लोगों ने पुलिस के ऊपर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ बेकाबू होने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस प्रदर्शनकारियों ने पकड़-पकड़ कर पीटा। इस दौरान कई लोगों के घायल होने की सूचना है। पुलिस के लाठी भांजने के बाद प्रदर्शनकारी वहां से भाग खड़े हुए। मौके पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गयी थी
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