डोईवाला;
संत निरंकारी भवन चांदमारी के तत्त्वाधान में आयोजित बाबा गुरुवचन सिंह की याद मे मानवता दिवस विशेष सत्संग के रूप मे मनाया गया।
सत्संग कि अध्यक्षता करते हुए ज्ञान प्रचारक महात्मा मोलू राम आर्य ने कहा कि सतगुरु दुनिया में मानवता की भलाई के लिए ही आते हैं। उनका संदेश किसी पूरी मानवता के लिए होता है। बाबा गुरबचन सिंह ने मानवता के भले की खातिर ही अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने आपसी भाईचारा और सहनशीलता को ही सब से उत्तम कर्म और धर्म माना।
उन्होंने कहा कि नर में नाराण को देखना ही मानवता है। निरंकारी मिशन एक सर्वसांझा मंच है जहां हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर एक निरंकार परमात्मा का यशोगान करते है जब मानव को यह प्रतीत हो जाता है कि जिस ईश्वर को अनेको नामो से पूज रहा है वह एक निरंकार पारब्रह्मम ही है तो मानव के मन से सारे भ्रम दूर हो जाते है जब मानव परमात्मा से जुडता है तो सारा संसार ही उसे एक परिवार के रूप में दिखने लग हैे। भाई चारा और मिलवर्तन की भावना खुद-ब-खुद ही पैदा हो जाती है । । जब मानव जान जाता है कि सारा संसार एक ही नूर से उपजा है तो वैर विरोध की भावना खत्म हो जाती है ।
ब्रांच मुखी गोपाल सिंह गुरुंग ने कहा कि बाबा गुरबचन सिंह जी का जीवन सहजता और सरलता के साथ भरपूर था। हर किसी का दर्द बांटना, हर किसी का ध्यान रखते हुए सांझी एकता और भाईचारे को ही पहल देते थे। उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने मानवता की भलाई के लिए वर्ष 1986 से निरंकारी श्रद्धालुओं को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। हर साल अप्रैल महीने से रक्तदान कैंप की शुरूआत की जाती है। यह मुहिम लगातार सारा साल चलती रहती है।
इस अवसर पर सेवादल के भाई बहन एवं अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
सत्संग कि अध्यक्षता करते हुए ज्ञान प्रचारक महात्मा मोलू राम आर्य ने कहा कि सतगुरु दुनिया में मानवता की भलाई के लिए ही आते हैं। उनका संदेश किसी पूरी मानवता के लिए होता है। बाबा गुरबचन सिंह ने मानवता के भले की खातिर ही अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने आपसी भाईचारा और सहनशीलता को ही सब से उत्तम कर्म और धर्म माना।
उन्होंने कहा कि नर में नाराण को देखना ही मानवता है। निरंकारी मिशन एक सर्वसांझा मंच है जहां हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर एक निरंकार परमात्मा का यशोगान करते है जब मानव को यह प्रतीत हो जाता है कि जिस ईश्वर को अनेको नामो से पूज रहा है वह एक निरंकार पारब्रह्मम ही है तो मानव के मन से सारे भ्रम दूर हो जाते है जब मानव परमात्मा से जुडता है तो सारा संसार ही उसे एक परिवार के रूप में दिखने लग हैे। भाई चारा और मिलवर्तन की भावना खुद-ब-खुद ही पैदा हो जाती है । । जब मानव जान जाता है कि सारा संसार एक ही नूर से उपजा है तो वैर विरोध की भावना खत्म हो जाती है ।
ब्रांच मुखी गोपाल सिंह गुरुंग ने कहा कि बाबा गुरबचन सिंह जी का जीवन सहजता और सरलता के साथ भरपूर था। हर किसी का दर्द बांटना, हर किसी का ध्यान रखते हुए सांझी एकता और भाईचारे को ही पहल देते थे। उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने मानवता की भलाई के लिए वर्ष 1986 से निरंकारी श्रद्धालुओं को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। हर साल अप्रैल महीने से रक्तदान कैंप की शुरूआत की जाती है। यह मुहिम लगातार सारा साल चलती रहती है।
इस अवसर पर सेवादल के भाई बहन एवं अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
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