ऋषिकेश :
चिदानन्द सरस्वती महाराज ने संदेश दिया कि सभी देशवासियों को अपने पौरूष और पराक्रम को देश सेवा में लगाना चाहिए। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील भी की, मात्र मंदिर में जाना पर्याप्त नहीं है, उससे अधिक गंगा-यमुना का प्रत्येक दृष्टि से ख्याल रखना होगा. क्योंकि गंगा यमुना देश के समस्त जीवों को तृप्त करती है.
परमार्थ निकेतन में आज अक्षय दिवस के पावन अवसर पर पर्यावरण को संरक्षण को समर्पित दिव्य जन जागरण कथा का शुभारम्भ हुआ। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर हरित कथा का शुभारम्भ किया।
हरित कथा के शुभअवसर पर सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में विश्व विख्यात पावन माँ गंगा की आरती के माध्यम से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने जन जागरण हेतु पर्यावरण संरक्षण का संकल्प करवाया। कथा के प्रथम दिवस स्वामी जी महाराज ने सैकड़ों की संख्या में गंगा तट पर उपस्थित भक्तों को खुले में शौच मुक्त भारत का संकल्प कराया। सात दिनों तक चलने वाली कथा में वृक्षारोपण, नदियों की स्वच्छता, कूडादान लगवाना, नदियों की अविरलता और निमर्लता के लिये कार्य करना, जल संरक्षण आदि के लिये संकल्पित कराया जायेंगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वच्छता एवं गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिये एवं एसटीपी के लिये सरकार हर स्तर पर कार्य कर रही है लेकिन इन सब के बावजूद भी जन जागरण के लिये पूज्य संतों एवं समाज को एक साथ आकर कार्य करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज अक्षय तृतीया है, यह एक ऐसा दिन है जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया; एक ऐसा दिन जब हमारे भीतर एक नये ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है। ऊर्जा और उत्साह ऐसे तत्व है जो हमारे भीतर एक नयी सृष्टि बनाते है; हमारे जीवन को उत्सव बना देते है अतः आज के दिन को हम चुने उन सब चीजों के लिये और कर दे माँ गंगा को समर्पित जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाने में बाधा बनती है। हमारे जीवन से क्रोध; लोभ; मोह; वासना और जो भी हमारे शान्ति पथ में बाधक बनती है उन सब को माँ गंगा में स्नान करते हुयेे समर्पित कर दे; उन सब बाधाओं को दक्षिणा के रूप में गंगा जी को दे दे, इससे जीवन शुद्ध बनेगा; जीवन बुद्ध बनेगा और सिद्ध बनेगा।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि गंगोत्री और यमनोत्री के पट खुलने पर विश्व स्तर पर माँ गंगा ओर यमुना के लिये सतत प्रयास करना होगा क्योकि लाखों भक्त माँ गंगा और यमुना जी के मन्दिर में दर्शन हेतु जाते है लेकिन हमारे आस-पास मौजूद इन चलते फिरते मन्दिर को हम ध्यान नही देते। गंगोत्री और यमनोत्री के मन्दिरों में तो हमे जाना पड़ता है लेकिन गंगा और यमुना तो हमारे पास से गुजर कर न जाने कितनों को तृप्त करती है; कितने खेतों की प्यास बुझाती है; कितने किसानों का जीवन संवारती है। जल है तो जीवन है अतः हमें इनका ध्यान रखना होगा; जल है तो स्वास्थ्य है, निर्मल, शुद्ध और स्वच्छ जल होगा तो सुन्दर स्वास्थ्य होगा, सुन्दर और स्वच्छ जल से स्वस्थ और सुन्दर शरीर बनेगा।
पौरूष और पराक्रम के अवतार भगवान परशुराम जी के जन्मदिवस पर शुभकामनायें देते हुये स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमारा पौरूष और हमारा पराक्रम पूरा का पूरा अपने देश की सेवा के लिये; देश भक्ति के लिये लगाये, यह समय की आवश्यकता है।
कथा व्यास संत स्वामी पं0 शिवम विष्णु जी पाठक जी के श्रीमुख से आज कथा का शुभारम्भ हुआ जो 24 अप्रैल तक चलेगी। आज परमार्थ निकेतन के मुख्य द्वार के सामने गंगातट घाट से शोभायात्रा निकाली गयी। जिसमंे सुषमा श्रवण अग्रवाल, श्रेय एवं शान्तम अग्रवाल़ पटना बिहार, एवं परमार्थ ऋषिकुमार एवं अन्य भक्तगण इस भव्य शोभायात्रा में सम्मिलित हुये।
स्वामी पं0 शिवम विष्णु जी पाठक ने श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत की। कथा व्यास विशाल महाराज ने कहा कि भागवत कथा किस्मतवाले ही सुन पाते है। मानव, भगवान की विशेष कृपा से ही कथा में पहुंचता है। कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने से पिछले कई जन्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने श्रीकृष्ण के मर्यादित जीवन के अनेक पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा सच्चा श्रीकृष्ण भक्त बनने के लिए उनके आदर्शों को जीवन में धारण करने का आह्वान कथा प्रेमियों से किया।
कथा 18 अप्रैल से 24अप्रैल तक चलेगी। कथा का समय पूर्वाह्न 9.00 से अपराह्न 1.00 बजे तक रखा गया है। प्रतिदिन माँ गंगा के तट पर पर्यावरण संरक्षण का प्रतिदिन संकल्प कराया जायेंगा।
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