अबूझ मुहूर्त "अक्षय तृतीया" एवं भगवान् परशुराम जयंती 18 अप्रैल ,2018
आचार्य पीयूष वशिष्ठ (8923174930)
वैशाख मास शुक्ल पक्ष तृतीया कॊ स्वयम देवताओं ने " अक्षय तृतीया "का नाम दिया है । इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 18 अप्रैल ,2018 कॊ है । इस दिन व्रत उपवास करके जो भी वस्तु , अन्न , वस्त्र इत्यादि का दान किया जाता है वो अक्षय हो जाता है ।
ये व्रत शिव पार्वती से सम्बन्धित माना जाता है इस दिन शिव पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर रात्रि कॊ सुन्दर भोग सामग्री और श्रृंगार का सामान पार्वती जी कॊ अर्पित करना चाहिये,रात्रि कॊ भोजन करें किंतु भोजन में नमक न ग्रहण करें ।
अगले दिन सुबह किसी योग्य पात्र कॊ दक्षिणा के साथ चंदन मिश्रित जल , लड्डू और पूये दान करे ।
इस व्रत कॊ करने वाला व्यक्ति अक्षय पुण्य कॊ प्राप्त करके भोग ऐश्वर्य प्राप्त करता है और अंत में सूर्य लोक का भागी होता है ।
देवी इण्द्राणी , तथा रोहिणी ने इस व्रत कॊ किया था और अपने योग्य उत्तम फलों की प्राप्ति की थी,ऐसा धर्म शास्त्रों में उल्लेख मिलता है । इस दिन कॊ बहुत शुभ माना गया है ,इसीलिये इसे " अबूझ मुहूर्त " कहते हैं
अर्थात अक्षय तृतीया वाले दिन कोई भी शुभ कार्य कभी भी किया जा सकता है ।पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया बहुत ही शुभ दिन है। विवाह आदि के लिए इस दिन पंचाग देखने की जरूरत नहीं पड़ती है।
जिन जातको कॊ कोई भी समस्या हो वो इस दिन समस्या के निराकरण के लिये ज्योतिषीय उपाय भी कर सकते हैं । इस बार सर्वार्थसिद्धि योग के महायोग के कारण यह बहुत ही लाभदायक है। इसके अलावा इस दिन सोना खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है।
अक्षय पुण्यफल की कामना से अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख शुक्ल तृतीय के दिन 18 अप्रैल को मनाया जाएगा। भगवान परशुराम की जयंती भी इसी दिन मनाई जाएगी।
इस दिन चंपा, एवं कमल के पुष्प विशेष रूप से भगवान को अर्पित करना चाहिए। उपवास रखने वाले व्यक्ति के लिए दान का भी विधान है। शास्त्रो के अनुसार व्रती को जल से भरा हुआ। कलश, नवीन वस्त्र, पंखा, खड़ाऊ, छाता, चावल, दही, सतु, खरबूजा, तरबूज, जो, गेंहू, चना, दूध, गुड़ आदि वस्तुए दान करना चाहिए
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