कुशीनगर दुर्घटना पर केंद्रीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल का वक्तव्य
तमकुही रोड और दुदाही स्टेशन के बीच अवस्थित मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग (यूएमएलसी) पर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना आज अर्थात 26 अप्रैल, 2018 को प्रात: 06:45 बजे हुई। इस दुर्घटना में दुर्भाग्यवश 13 स्कूली बच्चों की मौत हो गई और 7 घायल बच्चों को पडरौना सिविल अस्पताल ले जाया गया। इस दुर्घटना की प्रशासनिक जांच का आदेश दे दिया गया है।कुशीनगर दुर्घटना पर केंद्रीय रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल के वक्तव्य का मूल पाठ निम्नलिखित है:
‘कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग (यूएमएलसी) पर हुई दुर्घटना में स्कूली बच्चों की मौत से मुझे अत्यंत पीड़ा हुई है। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं और मैं ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।
रेल मंत्रालय की ओर से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये और सामान्य रूप से चोटिल लोगों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह सहायता राशि दी जाएगी।
मैंने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है।
भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाये जायेंगे और इसके लिये हम प्रतिबद्ध हैं।’
कुशीनगर दुर्घटना के लिए हेल्पलाइन नंबर निम्नलिखित हैं: -
1-कमर्शियल कंट्रोल वाराणसी - 05422224742
2-स्टेशन अधीक्षक/सिवान - 09771443944
3- स्टेशन अधीक्षक/ कप्तानगंज- 9559715398
4- स्टेशन अधीक्षक /देवरिया सदर - 9794843924
5- स्टेशन अधीक्षक/पडरौना - 9838784742
केंद्रीय रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने यहां आज नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों, रेल सुरक्षा के मुख्य आयुक्त, 5 रेल जोनों के जीएम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान उन्होंने भारतीय रेल से मानव रहित स्तर क्रॉसिंग (यूएमएलसी) को पूरी तरह खत्म करने की योजना की समीक्षा की। बैठक कुशीनगर दुर्घटना के पीड़ितों की याद में 2 मिनट की मौन के साथ शुरू हुई।
रेल
मंत्री के रूप में प्रभार लेने के बाद श्री पीयूष गोयल द्वारा 7 सितंबर
2017 को आयोजित पहली ही बैठक सुरक्षा मुद्दों पर थी। उसमें उन्होंने
निर्देश दिया था कि सभी यूएमएलसी अगले एक वर्ष में समाप्त हो जाने चाहिए।
इस संबंध में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गई है जिसमें ए, बी और सी मार्गों
पर अब केवल 58 यूएमएलसी शेष रह गए हैं, जिन पर भारतीय रेल यातायात का 80
प्रतिशत से अधिक हिस्सा निर्भर है।
भारतीय
रेल ने यूएमएलसी पर दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं,
जिसके कारण पिछले 4 वर्षों में (2013-14 में 47 दुर्घटनाएं हुई थीं, जो
2017-18 में कम होकर 10 पर आ गईं) यूएमएलसी दुर्घटनाओं में 79 प्रतिशत की
कमी आई है। पिछले चार वर्षों के दौरान यूएमएलसी के उन्मूलन की औसत दर में
भी लगभग दो तिहाई की वृद्धि हुई है। अब ब्रॉड गेज नेटवर्क पर केवल 3,479
यूएमएलसी बचे हुए हैं।
अब
शेष यूएमएलसी को खत्म करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति योजना बनाई जा रही
है, जिसमें यूएमएलसी पर कर्मचारियों की बहाली, रेलवे अंडर ब्रिज
(आरयूबीएस), रेलवे ओवरब्रिज, डाइवर्जन आदि का निर्माण शामिल होगा। यह कार्य
ट्रैक खंडों पर काम के साथ-साथ निष्पादित किया जाएगा। यूएमएलसी की एक
उल्लेखनीय संख्या के साथ पांच महत्वपूर्ण जोनों (एनआर, डब्ल्यूआर, एनईआर,
एनडब्लूआर, ईसीआर) के जीएम के साथ एक विस्तृत समीक्षा की गई।
उत्तरदायित्व
और सार्वजनिक निगरानी बढ़ाने के लिए एक वेबसाइट के माध्यम से यूएमएलसी के
उन्मूलन की प्रगति को पारदर्शी रूप से ऑनलाइन साझा किया जाएगा।
11 जोनों में यूएमएलसी को खत्म करने का लक्ष्य सितंबर, 2018 होगा। शेष 5 जोनों के लक्ष्य जल्द ही निर्धारित किए जाएंगे।
श्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल के लिए सुरक्षा प्रथम के उद्देश्य को दोहराया और जोर देकर कहा कि बचाया गया हर जीवन अमूल्य है।
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