श्यामपु/ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
ऋषिकेश मे पशुलोक विस्थापित क्षेत्र मे आमबाग को टी एच डी सी ने लोकायुक्त की अदालत के आदेश को ताक पर रखकर हरे पेड नष्ट कर डाले । वहीं वर्ष 2004 में पशुलोक के आम बाग़ के 6.920 हेक्टेयर भूमि को लोकायुक्त की अदालत ने 6.920 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित ग्रीन बेल्ट घोषित करने का आदेश पारित किया है। इसके बाबजूद टी एच डी सी ने बाग की 6.920 हेक्टेयर संरक्षित भूमि मे आम के हरे पेड़ो पर आरी चला दी । बाग़ में उस समय 219 आम के पेड़ सहित कई प्रजाति के पेड़ खड़े थे. जिनमें से लगभग 100 पेड़ों को नष्ट कर टीएच डी सी ने भवन बनाना शुरू कर दिया है।
यह भूमि वास्तव में टिहरी बिस्थापितों को आबंटित की जाना थी किन्तु टी एच डी सी ने इस भूमि को अपने उपयोग में लेकर भवन निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है। जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे है। कुछ जानकारों का कहना था की यह भूमि लीज शर्तों के अनुसार या तो टिहरी बिस्थापितों को आबंटित की जानी थी या उनके उपयोग न करने पर होने सरकार में निहित की जानी चाहिए। इससे स्पष्ट है कि टी एच डी सी लीज शर्तों का पूरी तरह से उलन्घन कर रही है। लीज शर्तों के अनुसार टी एच डी सी का इस भूमि पर कोई हक़ नहीं हैं. सन 2012 में तत्कालीन स्व. गंगा शरण नौटियाल वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश ने इस भूमि पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी, इसके बाद टी एच डी सी ने निर्माण कार्य बंद कर दिया था ।अब कुछ दिनों से इस बाग में पुन: निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है ।
कई पेड़ों को नष्ट कर दिया गया है और जेसीबी मशीन से खनन कार्य किया जा रहा है जिससे अवशेष खड़े पेड़ों के नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो गया है. विभा नामदेव ने टी एच डी सी को लिखे पत्र में अविलम्व अवैध निर्माण कार्य बंद करने को कहा है यदि निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया तो उच्चतम कार्यवाही की चेतावनी दी है ।पूर्व में भी विभा नामदेव ने उच्चतम कार्यवाही कर निर्माण कार्य बंद करवाया था ।
उत्तम सिंह
आम बाग की संरक्षित गीन्र बेल्ट भूमि मे भवन निर्माण की तैयारी
ऋषिकेश मे पशुलोक विस्थापित क्षेत्र मे आमबाग को टी एच डी सी ने लोकायुक्त की अदालत के आदेश को ताक पर रखकर हरे पेड नष्ट कर डाले । वहीं वर्ष 2004 में पशुलोक के आम बाग़ के 6.920 हेक्टेयर भूमि को लोकायुक्त की अदालत ने 6.920 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित ग्रीन बेल्ट घोषित करने का आदेश पारित किया है। इसके बाबजूद टी एच डी सी ने बाग की 6.920 हेक्टेयर संरक्षित भूमि मे आम के हरे पेड़ो पर आरी चला दी । बाग़ में उस समय 219 आम के पेड़ सहित कई प्रजाति के पेड़ खड़े थे. जिनमें से लगभग 100 पेड़ों को नष्ट कर टीएच डी सी ने भवन बनाना शुरू कर दिया है।
यह भूमि वास्तव में टिहरी बिस्थापितों को आबंटित की जाना थी किन्तु टी एच डी सी ने इस भूमि को अपने उपयोग में लेकर भवन निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है। जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे है। कुछ जानकारों का कहना था की यह भूमि लीज शर्तों के अनुसार या तो टिहरी बिस्थापितों को आबंटित की जानी थी या उनके उपयोग न करने पर होने सरकार में निहित की जानी चाहिए। इससे स्पष्ट है कि टी एच डी सी लीज शर्तों का पूरी तरह से उलन्घन कर रही है। लीज शर्तों के अनुसार टी एच डी सी का इस भूमि पर कोई हक़ नहीं हैं. सन 2012 में तत्कालीन स्व. गंगा शरण नौटियाल वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश ने इस भूमि पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी, इसके बाद टी एच डी सी ने निर्माण कार्य बंद कर दिया था ।अब कुछ दिनों से इस बाग में पुन: निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है ।
कई पेड़ों को नष्ट कर दिया गया है और जेसीबी मशीन से खनन कार्य किया जा रहा है जिससे अवशेष खड़े पेड़ों के नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो गया है. विभा नामदेव ने टी एच डी सी को लिखे पत्र में अविलम्व अवैध निर्माण कार्य बंद करने को कहा है यदि निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया तो उच्चतम कार्यवाही की चेतावनी दी है ।पूर्व में भी विभा नामदेव ने उच्चतम कार्यवाही कर निर्माण कार्य बंद करवाया था ।
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