Halloween party ideas 2015

विदेश मंत्री भारत सरकार सुषमा स्वराज से हुई स्वामी चिदानन्द  की भेंटवार्ता


ऋषिकेश;

परमार्थ निकेतन परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती  महाराज एवं भारत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराजकी दिल्ली में भेंटवार्ता हुई।

ऊर्जा एवं शक्ति से सम्पन्न, करूणा और ममता की प्रतीक श्रीमती सुषमा स्वराज जी को स्वामी जी महाराज ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव एवं आठ मार्च को ’विश्व महिला दिवस’ के अवसर पर आयोजित ’मातृ शक्ति सम्मान एवं महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम’ में सहभाग हेतु परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आंमत्रित किया।
स्वामी  महाराज एवं श्रीमती सुषमा स्वराज ने देश एवं दुनिया के विभिन्न तत्कालिक मुद्दों पर विचार विमर्श किया। स्वामी जी ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति, राजनीतिक संस्कृति, नैतिक अवधारणा, ऐतिहासिक विरासत के साथ वर्तमान विकास का लोहा अब दुनिया के लगभग सभी देश स्वीकार कर रहे है।

इसका संकेत इस बात से स्पष्ट होता है कि हमारे देश के कर्मठ, कर्मयोगी,  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ’गल्लोप इण्टरनेशनल संस्था’ द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर विश्व के सशक्त, प्रसिद्ध एवं ताकतवर प्रधानमंत्री के रूप मंे तीसरे नम्बर पर स्थान प्राप्त हुआ यह भारत, भारतीय एवं राजनीतिक कौशल के लिये गौरव का विषय एवं अद्भुत उपलब्धि है।
स्वामी जी ने कहा कि यह कर्मठ, कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को उनकी ईमानदारी; वफादारी; रवादारी; और मेहनत का परिणाम है कि उन्हे पुरस्कृत किया गया। यह उनके लिये ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिये गौरव का विषय है।

विश्व स्तर पर उन्हे इस सम्मान से नवाजा गया; इस ऊंचाई पर चुना गया इस गौरवमयी उपलब्धि के लिये स्वामी जी ने प्रधानमंत्री जी को श्रीमती सुषमा स्वराज जी के माध्यम से बधाई दी और कहा कि भारत श्री मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ता रहे और निरन्तर प्रगति करता रहे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारतीयों को एक ममतामयी एवं करूणामयी विदेश मंत्री का संरक्षण प्राप्त हुआ है। उनके कार्यकाल में विश्व के किसी भी देश में भारतीयांे के साथ कोई अप्रिय घटना या कोई हादसा हुआ हो तो उन्होने अपना हाथ तुरन्त आगे बढ़ाया है। उनके मातृ हृदय एवं करूणा के सागर से पूर्ण स्वभाव से ही अनेक भारतीय सुरक्षित अपने वतन लौट पाये है इसके अनेक उदाहरण मिलते है।

श्रीमती स्वराज जब भी सहयोग करती है तो उन सभी का करती है जिन्हे समस्या है। उनके इस कार्य में किसी धर्म, मजहब, जाति या सम्प्रदाय की कोई भी दिवार आड़े नहीं आती है बल्कि उनके कार्यो से हर तरह की छोटी-बड़ी दरारें भर जाती है क्योंकि वह जो भी करती है दिल से करती है।

उनका हर कार्य इस तरह का होता है कि वह अपने लिये, अपने परिवार के लिये या अपनों के लिये ही कर रही हो बस यही सोच उन्हे और भी महान बनाती है। स्वामी जी ने कहा कि यही तो भारतीय संस्कृति है जिसमें सभी अपने है चाहे वह देश की सम्पत्ति हो या देश के संसाधन हो वह सब के काम आये, वह भी ऐसे समय मंे जब व्यक्ति कठिनाईयों के दौर से गुजर रहा हो तब कोई अपनत्व के भाव से सहयोग करने आये वह किसी देवता; देवी या अवतार से कम नहीं होता है। भारत का भाग्य है कि भारत के पास ऐसी ममतामयी विदेश मंत्री है जो मंत्री पद पर होते हुये  अत्यंत सरल, सहज एवं करूणा से भरी हुई है।
स्वामी जी महाराज ने श्रीमती सुषमा स्वराज जी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं एवं उपलब्धियों के लिये बांसुरी बजाते हुये गणेश जी की प्रतिमा एवं शिवत्व का प्रतिक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

उन्होने कहा कि पूरे विश्व में निर्विघ्नता से हमारा राष्ट्र आगे बढ़ता रहे; और पश्चिम जगत से सम्बंध स्थापित करते समय सारी समस्याओं का समाधान निर्विघ्नता से होता रहे। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र मंे भारत तीव्र गति से प्रगति करता रहे ऐसी कामना एवं आशीर्वाद के साथ स्वामी जी ने बांसुरी बजाते हुये श्री गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने इंडिया डेवलपमेट फाउंडेशन की मीटिंग के अवसर पर विश्व से आये हुये आई डी एफ के सदस्यों, भारत सरकार के प्रतिनिधियांेेे एवं अधिकारियों को भी देश को निरन्तर प्रगतिशील करने के लिये धन्यवाद दिया तथा शुभकामनायें दी कि आगे भी हमारा राष्ट्र  उत्कृष्ट प्रदर्शन करता रहे, जिसमें ’सबका साथ, सबका विकास’ ’सर्वे भवन्तु सुखिनः’ एवं वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र के साथ आगे प्रगति करता रहे।
स्वामी जी ने कहा कि ’भारत केवल अपने लिये सांस नहीं लेता बल्कि पूरे विश्व के लिये सांस लेता है; पूरे विश्व के लिये जागता है और जीता है।’
श्रीमती सुषमा स्वराज ने  परमार्थ गंगा तट पर होने वाली दिव्य आरती की स्मृतियों को याद करते हुये कहा कि ’आरती के सहभाग के क्षणों मैने आज भी अपनी स्मृतियों में संजांे कर रखा है। परमार्थ की आरती दिव्यता के साथ विश्व बन्धुत्व का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है।’

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.