रीच द्वारा एस०जे०वी०एन० के संयोजन में आयोजित थिएटर फेस्ट में आज चौथे दिन ए०एम०एन० घोष ऑडिटोरियम में दर्शकों ने प्रसिद्ध नाटक उरुभंगम का आनंद लिया।
उरुभंगम नाटक संस्कृत नाटककार भासा द्वारा रचित संस्कृत नाटक कोष की एक असामान्य रचना है।
ये नाटक महाभारत के नकारात्मक छबि वाले दुर्योधन के इर्द गिर्द है। इस नाटक में दुर्योधन जिसकी ज़िद के कारण इतिहास का भयंकर युद्ध होता है, को स्वाभिमानी, आत्मसंतुष्ट, अपने खिलाफ खड़ी सेना द्वारा गलत दिखाया गया जाता है। जिस तरह से इस नाटक में एक मुश्किल चरित्र को नायक दिखाया गया है, प्राचीन भारतीय नाटक की बारीकियो को देखा जा सकता है।
भासा के उरुभंगम नाटक को जो मैतेई भाषा में है, रतन थियम ने निर्देशित किया है। आज रतन थियम को कोरस रिपर्टरी थिएटर के बैनर तले थिएटर प्रोड्क्टशन के लिए वैश्विक प्रशंसा एवं ख्याति प्राप्त है।
रतन के निर्देशन में मणिपुर के प्रतिभाशाली कलाकारों की मंडली जिसमें नृतक, गीतकार, संगीतकार, युद्धकला के जानकार हैं, एक अद्भुत प्रदर्शन मिलता है।
दुर्योधन के दुखद अंत का वर्णन हमें दुर्योधन के अधिकारों और कर्तव्यों को प्रभावशाली रूप से दर्शाता है। नाटक की प्रस्तावना में जिस तरह से मणिपुर के परंपरागत नृत्य का प्रयोग हुआ है, हमें रतन की कल्पनाशीलता देखने को मिलती है।
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