Halloween party ideas 2015

देहरादून:


प्रथम रैबार में मंथन हुआ कि युवा उत्तराखंड को और क्या चाहिए?


मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास के जनता मिलन हाॅल में राज्य स्थापना दिवस के 17 साल होने पर आयोजित रैबार कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ‘रैबार’ का मुख्य उद्देश्य है कि हम सब मिलकर राज्य के सर्वागींण विकास के लिए एकजुट होकर सोचे और राज्य को तीव्र विकास की धारा से जोड़ें।

उन्होंने कहा राज्य स्थापना के 18वें साल में प्रवेश कर रहा है। तरूण अवस्था से युवा अवस्था में प्रवेश कर रहे उत्तराखण्ड को किस तरह आगे बढ़ाना है। इस पर सब मिलकर विचार करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पदों पर आसीन उत्तराखण्ड मूल के प्रतिष्ठित लोगों के साथ इस बारे में गहनता के साथ चर्चा होगी।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले सात माह में राज्य सरकार ने गुड गवर्नेंस एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए प्रभावी कदम उठाये हैं। जन समस्याओं के निदान के लिए समय-समय पर जन संवाद किये जा रहे हैं। जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए टोल फ्री नम्बर-1905 पर शिकायत की जा सकती है।


प्रशासनिक सुधार के लिए सचिवालय से ब्लाॅक स्तर तक बायोमेट्रिक हाजिरी प्रारम्भ की गई है। सेवा के अधिकार में 162 नई सेवाएं जोड़ी गई हैं। डी.बी.टी के माध्यम से कृषि उर्वरक सब्सिडी प्रारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड देश पांचवा राज्य है।

कलस्टर आधारित खेती पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में चकबन्दी करने का निर्णय लिया है। चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक जिला अस्पतालों में आईसीयू बनाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 06 माह में परिवहन एवं ऊर्जा के क्षेत्र में लक्ष्य से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है।

उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री के सचिव श्री भाष्कर खुल्बे ने कहा कि राज्य के विकास के लिए हम क्या कर सकते हैं, इसके लिए सबको एकजुट होकर चिंतन एवं मंथन कर कार्य करने होंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य के तीव्र विकास के लिए कौशल विकास पर विशेष बल देना होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आवश्यकताओं की मैपिंग कर उसके अनुरूप योजना बनानी होगी।

हर जिले के लिये कम से कम अगले 10 वर्ष की आवश्यकताओं की मैपिंग की जानी चाहिए। पर्वतीय जनपदों में वोकेशनल ट्रेनिंग की जरूरतों का अध्ययन कर उसकी व्यवस्था की जाय।

पाठ्यक्रम में उत्तराखण्ड के पर्यटन एवं हॉर्टिकल्चर को जोड़ा जाय। राजधानी और अन्य शहरों में स्वच्छता पर भी ध्यान देना होगा। इससे निवशकों और पर्यटकों में अच्छा संदेश जाता है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री अश्विनी लोहानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड को भारत का स्विट्जरलैण्ड बनाने के लिए नये हिल स्टेशनों को डेवलप करना जरूरी है एवं उनका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी जरूरी है।

हिल स्टेशनों के लिये मास्टर प्लान की आवश्यकता पर बल दिया। कोस्टगार्ड के डायरेक्टर जनरल राजेन्द्र सिंह ने कहा कि अब युवा उत्तराखण्ड की दशा और दिशा बदलने का समय आ गया है।

उत्तराखण्ड के चहुमुखी विकास के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, स्वच्छता, स्वरोजगार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को समृद्ध राज्य बनाने के लिए युवाओं में ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा एवं कड़ी मेहनत के संस्कार देना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि छात्रों को प्रेरित करने के लिए आईएएस अधिकारी स्कूलों में जा रहे हैं, यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि छात्रों से संवाद स्थापित करने के लिए उन्हें भी मौका मिलेगा तो वे इसके लिए हमेशा तैयार हैं।


पलायन आयोग के उपाध्यक्ष  एस.एस. नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां पलायन की समस्याओं के निदान के लिए पलायन आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन तेजी से हो रहा है। राज्य में 968 गांव खाली हो चुके तथा 1000 गांव में 100 से कम लोग है।

अल्मोड़ा एवं पौड़ी में तेजी से पलायन हुआ है। पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार, मानव संसाधनों एवं मूलभूत आवश्यकताओं पर बल देना होगा। आईएफएस अधिकारी  आलोक डिमरी ने कहा कि समय के साथ विकास की परिभाषा भी बदल रही है उन्होंने कहा कि राज्य के चहुमुखी विकास के लिए महिलाओं, बच्चों एवं युवाओं को साथ लेकर विकास के पथ पर बढ़ना होगा। आज स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पर्वतों एवं हिमालय के सरंक्षण के लिये प्रयास करना चाहिए। हिमालय को सामने रखकर योजना बनानी होगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर में तेजी से सुधार हो रहा है। सभी डिग्री काॅलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है।

वित्त सचिव  अमित नेगी ने इन 17 सालों में उत्तराखण्ड के समग्र विकास पर विस्तृत प्रजेन्टेशन दिया। उद्घाटन सत्र में कवि श्री यशवन्त सिंह रावत की पुस्तक ‘‘स्वर उन्हीं का’’ का विमोचन भी किया गया।


‘‘उत्तराखण्ड के दो अनमोल रत्न-पर्यटन और पर्यावरण’’ के शुभारम्भ के अवसर पर सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने उत्तराखण्डः पर्यटन व पर्यावरण के क्षेत्र में सम्भावनाएं, चुनौतियाॅ व रणनीतियाॅ पर प्रस्तुतिकरण दिया।

श्री जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटन को स्थानीय आर्थिकी से जोड़ने, 13 जिले-13 नये पर्यटन स्थल,केदारनाथ व मसूरी रोपवे निर्माण, स्थानीय उत्पादों व पर्यटक स्थलों की मार्केटिंग व ब्राण्डिंग आदि पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

हमे मुख्यतः दो रणनीतियों पर कार्य करना है, प्रथम पलायन को रोकने में पर्यटन किस प्रकार सहायता कर सकता है तथा इकोलोजी को इकाॅनोमी से किस प्रकार जोड़ा जा सकता है ।


पर्यावरणविद् श्री अनिल जोशी ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस प्रकार की सामूहिक चर्चा के आयोजन के लिए बधाई व प्रंशसा की पात्र है। हमें गांव के विकास व उत्तराखंड की ब्रांडिग पर विशेष ध्यान देना होगा। हमें मात्र जीडीपी पर ही ध्यान नही देना होगा बल्कि पर्यावरण सरंक्षण पर भी ध्यान देना होगा। हमें अपने ग्रोथ इंडिकेटर्स बदलने की आवश्यकता है। पर्यावरण व पर्यटन में संतुलन बनाने की भी जरूरत है।
इस अवसर पर यूकोस्ट के डायरेक्टर जनरल डाॅ0 राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि हमें सस्टेनेबल टूरिज्म पर ध्यान देना होगा। उत्तराखण्ड की पर्यावरणीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इसे हर्बल स्टेट के रूप विकसित किया जाना चाहिए।
ओएनजीसी के निदेशक (मानव संसाधन) श्री डी0 डी0 मिश्रा ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर वर्ष प्रवासी दिवस आयोजित किया जाना चाहिए ताकि प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा राज्य के विकास में सहयोग पर विचार मंथन किया जा सके।
स्क्रिप्ट राइटर अद्वैेता काला और होटल व्यवसायी ने कहा कि राज्य सरकार से अपेक्षा है कि राज्य में फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने हेतु फिल्म पाॅलिसी में सुधार किये जाए तथा शूटिंग हेतु ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं का विकास किया जाये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी ने कहा कि राज्य की अच्छी ब्राण्डिंग व हाॅस्पिीटीलिटी सेवाओं के विकास के साथ ही सड़कों , हैलीपेडो व हवाई सेवाओं में भी सुधार किया जाना चाहिए। हमें स्वरोजगार पर विशेष ध्यान देना होगा।
आईएफएस श्री आलोक अमिताभ डिमरी ने कहा कि हमें इनोवेटिव पहलो पर ध्यान देना होगा। सीमान्त गांवों के विकास व वहां पर जनसंख्या बनाये रखने पर विशेष ध्यान देना होगा।
कार्यक्रम के अन्त में वन मंत्री डा0 हरक सिंह रावत कहा कि हमें पलायन को रोकने के लिए अपने गांवों को बसाने व कृषि प्रोत्साहन पर ध्यान देना होगा।  राज्य विकास हेतु हम सब को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डी.जी.पी. श्री अनिल कुमार रतूड़ी, हिलमेल संस्था के श्री मनजीत नेगी, समस्त वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.