कार्तिक मास की चतुर्थी को धारण किये जाने वाले करवा चौथ का सम्बन्ध गणेश जी की चतुर्थी से है. सुहागिने सोलहशृंगार से युक्त हो भगवन गणेश जी और चंद्रमा की स्तुति करती है ताकि उनका सुहाग सदा बना रहे.
पति के लिए निर्जल व्रत रखकर स्त्रियां , सांयकाल गणेश जी सहित भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करती है. और चन्द्रमा को अर्घ्य देती है.
समूह में स्त्रियां एक दूसरे को गणेश जी की कथाएं सुनाती है .यदि कोई स्त्री समूह में शामिल न हो सके तो भी जल का लोटा भरकर दूर्वा और अक्षत ,पुष्प दाहिने हाथ में लेकर, कथा कह सकती है.
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