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शिमला :

क्या,हिमाचल में कांग्रेस अपना जनाधार खो बैठेगी ?


सुखराम सिंह , हिमाचल की राजनीती के प्रखर नेता रहे है. उनके द्वारा भाजपा का दमन पकडे जाना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है.
विधानसभा चुनाव की घोषणा के ठीक बाद प्रदेश कांग्रेस को एक और झटका लगा है। सीएम वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह की भाभी के भाजपा में शामिल होने के बाद अब मंडी से कांग्रेस के लिए बुरी खबर आई है।
हिमाचल विधानसभा चुनाव के एलान के तीसरे ही दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और उनके बेटे मंत्री अनिल शर्मा ने परिवार के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का एलान कर दिया है।
इससे सूबे की राजनीति में भूचाल ला दिया है। सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के भी भाजपा में शामिल होने की सूचना है। आश्रय शर्मा कोभी भाजपा टिकट दे सकती है।


हालांकि उन्होंने अभी मंत्रिमंडल और कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है। जल्द ही वह विधिवत रूप से भाजपा में शामिल हो जाएंगे। वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अनिल शर्मा का कहना है कि उन्हें लंबे समय से उनके परिवार को नजरंदाज किया जा रहा था।
मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। मंडी सदर से प्रत्याशी बनाने के आश्वासन के बाद वह भाजपा में शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि पंडित सुखराम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के धुर विरोधी रहे हैं।

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