नई दिल्ली :
पिछले वर्ष देश की राजधानी दिली में दिवाली के बाद वायु प्रदुषण उच्चतम स्टार की सीमा भी पार कर गया था. इसी पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस दिवाली एक नया प्रयोग करने हेतु पटाखे केआयात पर रोक लगा दी है, अगले आदेश तक दिल्ली में नए पटाखे नहीं आ सकेंगे.
देश की राजधानी और प्रदुषण के हालात देखते हुए यह एक स्वागत योग्य कदम है. हमारे देश में गरीब के घर दिवाली पर मिठाई न पंहुचे, बच्चे भीक मांगते हो पर पटाखों में हज़ारो, करोड़ो रूपये जला दिए जाते है. उस पर भी प्रदूषण ऐसा, जिससे स्वास्थ्य का बुरा हाल हो जाये। हालाँकि विभिन्न धर्मों और समाजसेवी संगठनों में इस बात को लेकर बहस जारी है, परन्तु सच तो यह है कि अधिक मात्रा में पटाखा फैक्ट्रियों के लाइसेंस देने ही नहीं चाहिए और जो दिए जाये उनकी सीमा निर्धारित होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने आदेश में दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन लगा दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में 11 नवंबर 2016 का बिक्री पर रोक का आदेश फिर से बरकरार रखा है।
कोर्ट ने सारे लाइसेंस स्थायी और अस्थायी रूप से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बैन 1 नवंबर 2017 तक बरकरार रहेगा। अदालत ने 12 सितंबर को दिए रोक के आदेश में बदलाव किया है।
अदालत के आदेश के अनुसार 1 नवंबर से पटाखे बिक सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार ये टेस्ट करना चाहते हैं कि दिवाली पर क्या हालात होंगे?
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में कोर्ट के अगले आदेश तक दूसरे राज्यों से पटाखे नहीं लाए जाएंगे क्योंकि यहां पहले से ही पटाखे
मौजूद हैं। दिल्ली-एनसीआर में इस वक्त 50 लाख किलो पटाखे हैं जो बहुत ज्यादा हैं। जिन लाइसेंस धारी दुकानदारों के पास पटाखे हैं वो अपना पटाखा बेच सकते हैं या दूसरे राज्यों में निर्यात कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के लाइसेंस पर लगी रोक को अंतरिम रूप से हटाया है, क्योंकि कोर्ट ने कहा है दीपावली के बाद एयर क्वालिटी को देखते हुए कोर्ट सुनवाई करेगा।
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