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 देहरादून :

मुख्यमंत्री ने  बद्रीपुर, देहरादून स्थित उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के नवनिर्मित मुख्यालय भवन का विधिवत पूजा-अर्चना के साथ लोकार्पण तो किया परन्तु कहीं ये मिलों से सेवानिवृत हुए अफसरों के समय बिताने का ठिकाना मात्र न बन जाये।


 क्योंकि सरकारी मिलों के घोटाले थमने का नाम नहीं लेते और अफसर हाथ पर हाथ धरे रहतें है. मिलों में टेंडर प्रक्रिया का नितांत आभाव है , और यही कारण है की घोटालेबाज़ों की मौज़ रहती है. 


उत्तराखंड में चीनी मिलों की दशा किसी से छुपी नहीं है. किसानो को अपनी फसल का भुगतान पूरा एक पेराई सत्र बीत जाने पर मिलता है। सीजनल कर्मचारियों चाहे वो स्थाई हो या अस्थाई,उनके वेतन को काटने और कम करने की जुगत भी चलती रहती है. अफसरों और कर्मचारियों के वेतनमान में हालांकि अंतर् अधिक है. फिर भी वेतन कटौती के लिए कर्मचारियों की ही बारी आती है.


डोईवाला सरकारी मिल की बात करें तो जानेंगे कि मिल  पुरानी मशीनो का बोझ उठा रही है. एक पूरे सत्र को सही प्रकार से निकल पाने में भी असमर्थ रहती है. मिल से निकलने वाला प्रदूषित पानी उपचारित नहीं हो पाता। जिस कारन वहां से जाने वाली नहरें गंदगी और कूड़े से भरी रहती है सरकारी मिलों में कर्मचारियों को दिए गए, आवास खस्ता हाल शौचालयों सहित जर्जर अवस्था में खड़े है.


गन्ना उत्पादन में उत्तराखंड ने कोई खास बढ़त हासिल नहीं की है. गरीब किसानो तक तो अच्छी प्रजाति और गुणवत्ता के गन्ने बोने के दिशा निर्देश तक भी नहीं पंहुच पाते . छोटे खेत वाले किसान गन्ने को छोड़कर अन्य नकदी फसलों की और ताक रहे है ,क्योंकि उन्हें समय पर भुगतान नहीं होता. इतना अवश्य है कि अगेती प्रजाति के गन्ने को लेकर प्रयास जारी रहते है और इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है. 


सहकारी चीनी मिल्स संघ को नवनिर्मित मुख्यालय भवन हेतु बधाई व शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार किसानो तथा रोजगार के मसलो पर अत्यन्त गम्भीर व ठोस पहल कर रही।

आने वाले दिनों में इनके परिणाम भी दिखने लगेंगे। आवश्यकता पड़ने पर नीतिगत परिवर्तन भी किए जाएगे। हमारे बहुत से प्रोजेक्ट बन गए है। हम जरूरत पड़ने पर कर्ज भी लेंगे परन्तु कर्ज का सौ फीसदी सदुपयोग किया जाएगा।

गन्ना किसानों के 110 करोड़ रूपए बकाया राशि का भुगतान किया गया है।

गौरतलब है कि बुधवार को बद्रीपुर देहरादून में मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के नवनिर्मित मुख्यालय भवन का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम द्वारा 4.11 करोड़ रूपये की लागत से किया गया।

मुख्यालय भवन को भूमि आंवटन चीनी मिल डोईवाला द्वारा निःशुल्क किया गया। 887.71 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में निर्मित मुख्यालय भवन का निर्माण कार्य जून 2016 में आरम्भ किया गया था तथा सितम्बर 2017 को यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गया।

भवन में कार्यालय, ममटी एवं मशीन रूम, काॅन्फे्रस हाॅल सहित सभी आधुनिक सुविधाए उपलब्ध है। मुख्यालय भवन को केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की विशिष्टियों एवं भूकम्परोधी तकनीक पर सी0बी0आर0आई0 रूड़की द्वारा संरचनीय मानचित्र तैयार करा कर निर्मित किया गया है।

भवन निर्माण की तृतीय पक्ष गुणवत्ता नियंत्रण सी0बी0आर0आई0 रूड़की द्वारा कराया गया है।

गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि पेराई सत्र 2016-17 में राज्य की 8 चीनी मिलों द्वारा 350.60 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 34.55 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन  किया गया तथा औसतन चीनी परता 9.86 प्रतिशत प्राप्त हुआ।

यह उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरान्त सर्वोच्च रहा। चीनी मिलो द्वारा कुल देय गन्ना मूल्य रूपये 1080.18 करोड़ के सापेक्ष रूपये 940.10 करोड़ का भुगतान किया गया।

पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलो को रूपये 65 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है।

पेराई सत्र 2016-17 के सम्पूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान हेतु सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को 60 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता माननीय मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकृत की गई है।

पेराई सत्र 2015-16 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को 44.54 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है।

चीनी मिलों में जल एवं वायु प्रदूषण रोके जाने हेतु 100 लाख रूपये की प्रावधान किया गया हैं।

सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल नादेही एवं बाजपुर के आधुनिकीकरण हेतु यू0जे0वी0एन0एल0 के साथ एम0ओ0यू0 किया गया है साथ ही उक्त मिलों में  क्रमशः 16 व 22 मेगावाॅट के सह-विद्युत परियोजना स्थापित किये जाने हेतु भी यू0जे0वी0एन0एल0 के साथ अनुबन्ध किया गया है।

सहकारी गन्ना विकास समितियो के माध्यम से कृषि निवेशों के रूप में 1380.83 लाख रूपये का ऋण नाबार्ड द्वारा कृषकों को वितरित किया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  प्रकाश पन्त, राज्य मंत्री डा0धन सिंह रावत, सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग श्री दिलीप जावलकर तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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