Halloween party ideas 2015

 

*हमारे खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बना दिया : रेखा आर्या*

*खेल मंत्री बोली उत्तराखंड का 103 पदक जीतना ऐतिहासिक*

*अपने पिछले बेस्ट से चार गुना से भी ज्यादा पदक जीते*


हल्द्वानी ;

Grand conclusion of national game 2025



हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम में शुक्रवार को 38 वे राष्ट्रीय खेलों का शानदार समापन हुआ। मेघालय को अगले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए ध्वज सोपा गया।


 इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार ने हर जनपद में खेल सुविधाएं जुटा कर देवभूमि को खेल भूमि बनाने का काम किया है। उन्होंने सफल और भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री और खेल मंत्री रेखा आर्या को विशेष रूप से शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इतने भव्य आयोजन में सबसे बड़ा योगदान उन एथलीट्स का रहा है जिन्होंने प्रदेश के लिए अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने हमें पिछले राष्ट्रीय खेलों में मिले 25वें स्थान से सीधे सातवें स्थान तक पहुंचा दिया है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमने उत्तराखंड को खेल भूमि बनाने का सपना देखा था लेकिन इस सपने को साकार करने का बीड़ा हमारे खिलाड़ी ने उठाया और सफल कर दिखाया। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि  राष्ट्रीय खेलों में हमने ग्रीन गेम्स जैसी नई अवधारणाओं पर काम किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के स्तर को बहुत ऊंचा कर दिया है। खेल मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान हमारे प्रदेश में खेलने आए सभी खिलाड़ियों ने यहां की खेल सुविधाओं की जिस तरह से प्रशंसा की वह सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है। खेल मंत्री ने कहा कि हमारे एथलीट्स ने राष्ट्रीय खेलों के स्तर पर तो शानदार प्रदर्शन किया ही है अब प्रदेश सरकार इन्हीं खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाब होने के लिए तैयार करेगी। इसके पहले खेल मंत्री रेखा आर्य ने पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचकर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडवीया और मेघालय के मुख्यमंत्री का स्वागत किया।


इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री को अगले राष्ट्रीय खेलों के लिए ध्वज सोपा गया। आयोजन में बॉलीवुड गायक सुखविंदर, श्वेता माहरा और दिगारी ग्रुप की प्रस्तुतियों ने चार चांद लगा दिए। 

*38वें राष्ट्रीय खेलों का हुआ भव्य समापन*


*उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान: केंद्रीय गृह मंत्री शाह*


*केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं की जमकर सराहना की*


*राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से उत्तराखंड में नई संभावनाओं और उम्मीदों की शुरुआत: सीएम धामी*


केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष श्रीमती पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।  


*उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।*


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। 


*उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।*


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है। 



केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री श्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। 


*हार से लें जीत की प्रेरणा।*


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।  केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।


*प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।*


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री श्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 - 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है। 

 

*2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।*


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे। 


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।


*नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चैंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।


उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री श्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी। 



केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी।

 उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है। 


भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष श्रीमती पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। 


खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है


इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद श्री महेन्द्र भट्ट, सांसद श्री अजय भट्ट उपस्थित थे।

इस अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडवीया, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, सांसद अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा आदि मौजूद रहे।


देहरादून:



 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शीतलाखेत मॉडल को आदर्श मॉडल बताया।

 उन्होंने कहा कि वनों को बचाने में समुदाय किस प्रकार अपना रचनात्मक व सकारात्मक योगदान दे सकते हैं, शीतलाखेत मॉडल इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं और धीरे-धीरे सभी जनपद इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के बेशकीमती वनों को अग्नि से बचाने के लिए स्थानीय समुदायों, ग्रामीणों और विशेषकर महिलाओं की सहभागिता जरूरी है। 


उन्होंने कहा कि समुदाय ही सबसे पहले किसी भी आपदा का सामना करते हैं और यदि वे समय पर इसकी सूचना प्रशासन को दें तथा राहत और बचाव दलों के पहुंचने से पहले छोटे-छोटे प्रयास प्रारंभ कर दें तो काफी हद तक आपदाओं के खतरों को कम किया जा सकता है। 


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को उत्तराखण्ड में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर पीएमओ कार्यालय के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गृह मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मॉक ड्रिल का जायजा लिया। यह मॉक ड्रिल राज्य में वनाग्नि के दृष्टिकोण से सबसे अधिक प्रभावित छह जनपदों, अल्मोड़ा, चम्पावत, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और देहरादून के 16 स्थानों पर की गई। यह देश की पहली मॉक ड्रिल है जो वनाग्नि नियंत्रण में समुदायों की सहभागिता पर केन्द्रित है। 

यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से उन्होंने बारी-बारी सभी छह जनपदों के जिलाधिकारियों से मॉक ड्रिल को लेकर जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं है बल्कि यह जानने और समझने का अवसर भी है कि क्या हमारी स्ट्रेंथ है और क्या कमियां हैं ताकि उनमें सुधार किया जा सके। इससे तैयारियों को परखने के साथ ही आने वाले दिनों में वनाग्नि की घटनाओं में त्वरित नियंत्रण पाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही चुनौतियों का धरातल पर परीक्षण होगा और समाधान के रास्ते निकलेंगे।  

उन्होंने कहा कि हमारे राज्य का 71 प्रतिशत भूभाग घने वनों से अच्छादित है और यह जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर वर्ष हमें वनाग्नि की चुनौतियों से जूझना पड़ता है और इसके कारण न सिर्फ वन संपदा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि वन्य जीवों के साथ पर्यावरण तथा स्थानीय समुदायों की आजीविका भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि से प्रभावी तरीके से निपटने में सभी विभागों के साथ ही स्थानीय समुदायों को फ्रंटफुट में आकर कार्य करना पड़ेगा। वनाग्नि हो या कोई अन्य आपदा, यह विषय एक विभाग का नहीं है बल्कि समूचे तंत्र का है और सभी को इसमें ओनरशिप लेनी होगी। 

उन्होंने कहा कि युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स, स्थानीय ग्रामीण और विशेषकर महिलाएं, आपदा मित्र, भारत स्काउट एंड गाइड, फायर वाचर्स, रेड क्रास, एनजीओ, पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम प्रधान और विद्यार्थियों को भी जागरूक और प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए वनाग्नि की पिछली घटनाओं में आई समस्याओं का ध्यान में रखते हुए आगे की योजनाएं बनाई जाएं। उन्होंने प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु को निर्देश दिये कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पत्र जारी किया जाए। वनाग्नि को रोकने के लिए चाल-खाल, तलैया और अन्य प्रभावी उपायों पर कार्य किए जाएं ताकि जमीन में नमी बनी रहे। इसके लिए जलागम विभाग का भी सहयोग लिया जाए।   


*आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने के निर्देश*

 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि नियंत्रण में आधुनिक तकनीकों, जैसे सैटेलाइट मॉनिटरिंग, ड्रोन सर्विलांस, रिमोट सेंसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फायर डिटेक्शन सिस्टम का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने गृह मंत्रालय का भी वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग प्रदान करने के लिए आभार जताया। साथ ही वायु सेना द्वारा समय-समय पर वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के लिए आभार जताया। उन्होंने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की भूमिकाओं को भी सराहा। 


शीतलाखेत मॉडल की विशेषताएं

- हर वर्ष 01 अप्रैल को ओण दिवस मनाया जाता है, जिसके तहत महिलाओं द्वारा एक अप्रैल से पहले खेतों के मेड़ों में उगी कांटेदार झाड़ियों, खरपतवारों को नियंत्रित तरीके से जलाया जाता है। 

- वनाग्नि संवेदनशील क्षेत्रों में फायर पट्टी का निर्माण कर नियंत्रित फुकान किया जाता है। 

  

- बांज, काफल, उतीश आदि चौड़ी पत्ती प्रजाति के पेड़ों के कटान पर पाबंदी।


- वनाग्नि नियंत्रण के लिए सभी गांवों में महिला मंगल दलों का गठन।

- आग बुझाने में सहयोग करने वाले महिला मंगल दलों को किया जाता है सम्मानित।


- वनाग्नि नियंत्रण में वन विभाग का पूरा सहयोग करते हैं ग्रामीण।


- आग लगने पर महिलाओं, ग्रामीणों द्वारा पहले एक घंटे में वन विभाग के सहयोग या स्वयं ही आग को नियंत्रित करने के प्रयास आरम्भ कर दिए जाते हैं।

- व्हाट्सप्प समूह की माध्यम से वनाग्नि आरम्भ होने की सूचना का आदान प्रदान होता है।


- महिलाओं, युवाओं और वन कर्मियों के सहयोग से जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान संचालित। 


- 30 से अधिक गांवों की महिलाओं, युवाओं, जन प्रतिनिधियों और वन कर्मियों के व्हाट्सएप समूह का गठन।


*वन विभाग के 541 कर्मचारी हुए मॉक अभ्यास में शामिल*

 अपर प्रमुख वन संरक्षक  निशांत वर्मा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में वन विभाग के 541 कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। साथ ही 4095 अग्निशमन उपकरणों को शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र तथा गांव में अग्नि की स्थिति को सभी विभागों द्वारा आपसी समन्वय से नियंत्रित किया गया। मानव हानि, पशु हानि पर त्वरित गति से राहत और बचाव कार्य संचालित किए गए। उन्होंने बताया कि सभी 16 साइट्स पर स्थानीय समुदायों, वन पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों तथा वन विभाग के नव नियुक्त वन आरक्षियों व वन दरोगाओं को बेसिक प्रशिक्षण दिया गया। 


*चुनौतियों पर विस्तार से हुई चर्चा*

 एनडीएमए के सीनियर कंसलटेंट आदित्य कुमार ने बाद में सभी 16 साइटों के इंसीडेंट कमाण्डरों की डीब्रीफिंग ली। उन्होंने सभी से मॉक ड्रिल किस तरह से संचालित की गई, इसकी जानकारी ली। इंसीडेंट कमाण्डरों ने जो कमियां रहीं और जिन चुनौतियों का सामना किया, उनके बारे में विस्तार से बताया। समुदायों की सहभागिता किस प्रकार सुनिश्चित की गई, तकनीक का प्रयोग किस तरह किया गया, संसाधनों को किस प्रकार रवाना किया गया, आग पर कितने समय में काबू पाया गया, संचार व संवाद में कहां गैप्स रहे, इस पर विस्तार से इंसीडेंट कमाण्डरों ने जानकारी साझा की। मॉक ड्रिल के दौरान आर्मी तथा आईटीबीपी से सहयोग लिया गया तथा आईआरएस प्रणाली के तहत मॉक ड्रिल संचालित की गई।


 सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास  विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जो सुझाव आए हैं उन पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा और जो कमियां निकलकर आई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा ताकि आने वाले दिनों में वनाग्नि से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।


इस अवसर पर राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विभाग के उपाध्यक्ष  विनय कुमार रुहेला, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  आर के सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन, आईजी फायर श्री मुख्तार मोहसिन, एनडीएमए के सीनियर कंसल्टेंट श्री आदित्य कुमार, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव विनीत कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक  निशांत वर्मा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

 उत्तराखंड ने लगाया पदकों का शतक, रचा इतिहास

राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में उत्तराखंड ने छुआ 101 का शुभ आंकड़ा

-आज तक किसी राष्ट्रीय खेल में नहीं बरसे इतने पदक

-गोवा में आए थे 24 पदक, इस बार चमत्कारिक प्रदर्शन

Final day medal tally



 38 वें राष्ट्रीय खेलों के समापन से कुछ घंटे पूर्व ही उत्तराखंड ने पदकों का शतक लगाकर इतिहास रच दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। कभी इतने पदक उत्तराखंड की झोली में आकर नहीं गिरे थे। उत्तराखंड का यह प्रदर्शन चमत्कारिक है और खेलों की दुनिया में असल वसंत खिलने का आभास करा रहा है। गोवा में आयोजित 37 वें राष्ट्रीय खेलों में सिर्फ 24 पदक उत्तराखंड ने जीते थे और पदक तालिका में वह 25 वें स्थान पर रहा था। इस बार पदकों की संख्या और पदक तालिका में उत्तराखंड की स्थिति दोनों में ही जबरदस्त उछाल आ गया है। गुरूवार की शाम को पदक तालिका में उत्तराखंड कुल 101 पदकों के साथ सातवें नंबर पर नजर आया।

अपने घरेलू मैदान में मेजबान उत्तराखंड के खिलाड़ियोें ने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले राष्ट्रीय खेलों में जहां सिर्फ तीन स्वर्ण पदक उत्तराखंड ने देखे थे, वहीं इस बार स्वर्णिम सफलता की बयार चली है। उत्तराखंड ने 24 स्वर्ण पदक झटके हैं। इसके अलावा, 35 रजत और 42 कांस्य पदकों के साथ कुल 101 पदक अपने खाते में डाल दिए हैं। पदकों के मामले में देखा जाए, तो तालिका में उत्तराखंड से सिर्फ सर्विसेज, महाराष्ट्र, हरियाणा ही आगे हैं। इस लिहाज से उत्तराखंड का चौथा नंबर है, लेकिन स्वर्ण पदकों की कुल संख्या से होने वाले आंकलन के चलते उसका सातवां नंबर बना है। स्वर्ण पदक ज्यादा होने के कारण कर्नाटक, मध्य प्रदेश व तमिलनाडू जैसे राज्य पदक तालिका में उत्तराखंड से आगे हैं।

इस प्रदर्शन से उत्तराखंड का उत्साह सातवें आसमान पर है। खिलाड़ियों की अथक मेहनत और सरकार के प्रयासों ने मिलकर ऐसा रंग जमाया, कि उत्तराखंड में खेलों का असल वसंत अब दिखाई दे रहा है। पदकों के लिहाज से उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों को उसके घरेलू मैदान के अलावा सरकार की तमाम उन योजनाओं ने आगे बढ़ने में मदद की, जो उनके कल्याण से सीधे जुड़ी हैं।


-खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। 101 पदक जीतकर उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। इससे पहले कभी उत्तराखंड पदकों के शतक तक नहीं पहुंचा था। निश्चित तौर पर यह उत्तराखंड के खेलभूमि  बनने की तरफ ऊंची छलांग है। हम खेल विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं देशभर से आए खिलाड़ियों और अन्य मेहमानों के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान किया है।

-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

आज का राशिफल

*दिनांक:- 14/02/2025, शुक्रवार*

द्वितीया, कृष्ण पक्ष,

फाल्गुन

Rashifal today 14 feb 2025



*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 * शिव पूजन दिवस


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


निःस्पृहो नाधिकारी स्यान्नाकामो मण्डनप्रियः ।

नाऽविदग्धः प्रियंब्रूयात् स्पष्टवक्ता न वञ्चकः ।।

।। चा o नी o।।


 वह व्यक्ति जिसके हाथ स्वच्छ है कार्यालय में काम नहीं करना चाहता. जिस ने अपनी कामना को ख़तम कर दिया है, वह शारीरिक शृंगार नहीं करता, जो आधा पढ़ा हुआ व्यक्ति है वो मीठे बोल बोल नहीं सकता. जो सीधी बात करता है वह धोका नहीं दे सकता.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: गुणत्रयविभागयोग :- अo-14


निःस्पृहो नाधिकारी स्यान्नाकामो मण्डनप्रियः ।

नाऽविदग्धः प्रियंब्रूयात् स्पष्टवक्ता न वञ्चकः ।।

।। चा o नी o।।


 वह व्यक्ति जिसके हाथ स्वच्छ है कार्यालय में काम नहीं करना चाहता. जिस ने अपनी कामना को ख़तम कर दिया है, वह शारीरिक शृंगार नहीं करता, जो आधा पढ़ा हुआ व्यक्ति है वो मीठे बोल बोल नहीं सकता. जो सीधी बात करता है वह धोका नहीं दे सकता.


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

कारोबार में वृद्धि के योग हैं। उचित निर्णय ले पाएंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। मार्गदर्शन व सहयोग मिलेगा। पारिवारिक जवाबदारी बढ़ सकती है। लाभ में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी। समय अनुकूल है। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी।


🐂वृष

अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। बेकार बातों पर ध्यान न दें। आय बनी रहेगी। दौड़धूप अधिक होगी। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है।


👫मिथुन

लेन-देन में जल्दबाजी न करें। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। व्यवसाय से संतोष नहीं होगा। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। थकान रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। काम में लापरवाही बड़ा नुकसान दे सकती है।


🦀कर्क

मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समय अनुकूल है। नए कार्य करने का मन बनेगा। उत्साह बना रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। पार्टनरों व भाइयों का सहयोग मिलेगा। जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।


🐅सिंह

आत्मसम्मान बना रहेगा। नए काम करने का मन बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। दूर के अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। काम में मन लगेगा। जल्दबाजी न करें। जीवन सुखमय रहेगा।


🙍‍♀️कन्या

रोजगार प्राप्ति सुगमता से होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। नए उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। लाभ में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलता रहेगा। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा।


⚖️तुला

घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न करें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा।


🦂वृश्चिक

लोग आप से अधिक अपेक्षा करेंगे। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण रखें। आय में निश्चितता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।


🏹धनु

लाभ में वृद्धि होगी। वरिष्ठजन मार्गदर्शन व सहयोग करेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि में मन लगेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। यात्रा आनंददायक हो सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। उत्साह व प्रसन्नता बने रहेंगे। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रह सकती है।


🐊मकर

पारिवारिक सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है, लाभ लें। प्रमाद न करें। यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लिया हुआ कर्ज समय पर चुका पाएंगे। थकान महसूस होगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जल्दबाजी न करें।


🍯कुंभ

मान-सम्मान मिलेगा। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। योजना फलीभूत होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध हो सकते हैं। जीवन सुखमय रहेगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार संभव है। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।


🐟मीन

किसी मांगलिक कार्य में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

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*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*

 *राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक उपलब्धि, समापन समारोह में शामिल होंगे केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह*

Union home minister amit shah will attend closing ceremony


उत्तराखण्ड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ऐतिहासिक सफलता की ओर बढ़ रहा है। राज्य की खेल संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं मैदान में उतरकर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहे हैं।


मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने खेलों में बेहतर प्रदर्शन किया है। वर्तमान में प्रदेश 23 गोल्ड, 34 सिल्वर और 42 ब्रॉन्ज मेडल के साथ अंकतालिका में 7वें स्थान पर है। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 37वें राष्ट्रीय खेलों (गोवा) में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर था।


*राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह में शामिल होंगे केंद्रीय गृह मंत्री*


राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह में 14 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। इस मौके पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा।


*मुख्यमंत्री धामी का संकल्प: देवभूमि को बनाएंगे खेलभूमि*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में खेल सुविधाओं का व्यापक विकास हुआ है, जिससे प्रदेश के खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "उत्तराखण्ड अब सिर्फ देवभूमि ही नहीं, बल्कि खेलभूमि के रूप में भी स्थापित होगा। खिलाड़ियों के व्यक्तित्व का विकास होगा और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन अवसर मिलेंगे।"


मुख्यमंत्री लगातार खेल आयोजनों का निरीक्षण कर रहे हैं। हाल ही में वे वंदना कटारिया स्टोर्स स्टेडियम पहुंचे, जहां उन्होंने खुद हॉकी खेलकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने मलखंब और कुश्ती प्रतियोगिताओं का भी अवलोकन किया और साइकिल चलाकर मैदान का जायजा लिया।


उत्तराखण्ड सरकार खेलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय खेलों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश का भविष्य खेलों के क्षेत्र में उज्ज्वल है।

 *38वें राष्ट्रीय खेलों में शूटिंग स्पर्धा के अंतिम दिन हरियाणा ने हासिल की जीत*

Last day of 38thnational game


38वें राष्ट्रीय खेलों में निशानेबाजी के आखिरी दिन स्कीट मिश्रित टीम स्पर्धा में कड़ा मुकाबला देखने को मिला और कड़े मुकाबले  में हरियाणा विजयी रहा। स्वर्ण पदक मैच में हरियाणा के शान सिंह लिब्रा और रायज़ा ढिल्लों ने पंजाब के गनेमत सेखों और भवतेग सिंह गिल को पछाड़ते हुए 41-39 के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। पंजाब ने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

कांस्य पदक मैच में, तेलंगाना के मुनेक बटुला और रश्मी राठौड़ ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करते हुए मध्य प्रदेश के ऋतुराज एस बुंदेला और वंशिका तिवारी को पछाड़ दिया और  37अंक के स्कोर के साथ, तेलंगाना ने तीसरा स्थान हासिल किया।

इससे पहले क्वालिफिकेशन राउंड में  छह टीमों ने प्रतिस्पर्धा की थी, जिसमें शीर्ष चार ने फाइनल में प्रवेश किया था। पंजाब 138+16 के स्कोर के साथ क्वालीफायर में शीर्ष पर रहा, दूसरे स्थान पर हरियाणा (138+14), तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश (133+4), और चौथे नंबर पर तेलंगाना (133+3) रहे। 

 फाइनल खेल में हरियाणा ने राष्ट्रीय खेलों में एक्शन से भरपूर शूटिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

 


हल्द्वानी 13 फरवरी:


38वें नेशनल गेम्स के शानदार समापन के लिए गोलापुर स्टेडियम सज कर पूरी तरह तैयार है समापन समारोह शुरू होने से ठीक 24 घंटे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने निरीक्षण कर तैयारी को अंतिम रूप दिया। समापन समारोह में करीब 15000 लोगों के बैठने के इंतजाम किए गए हैं।


निरीक्षण के बाद खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारे सभी मेहमानों ने माना है कि यह अब तक के सबसे भव्य राष्ट्रीय खेल हुए हैं, इसलिए हम खेलों का समापन भी शानदार तरीके से करने जा रहे हैं।खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने इन खेलों में अपने सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं, जिससे समापन समारोह की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ गई है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि हमारे प्रदेश के सभी पदक विजेताओं को समापन समारोह में आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा समापन समारोह में उन सभी खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपने इवेंट्स में पिछले नेशनल रिकॉर्ड तोड़े हैं। खेल मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड के परंपरागत योगासन का समापन समारोह में विशेष प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री और खेल मंत्री मैं फेंसिंग के पदक विजेताओं को मेडल पहनाकर सम्मानित भी किया।


 *सुखविंदर और श्वेता बढ़ाएंगे शान*


 समापन समारोह में मशहूर बॉलीवुड सिंगर सुखविंदर और कुमाऊनी गायिका श्वेता माहरा की परफॉर्मेंस भी होगी। कार्यक्रम दोपहर 2:00 बजे से शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले दिगारी ग्रुप और श्वेता की परफॉर्मेंस रहेगी। इसके बाद औपचारिक आयोजन करीब सवा घंटे तक चलेगा। अंत में बॉलीवुड सिंगर सुखविंदर जलवा बिखेरेंगे।



 *शूटिंग के विजेताओं को खेल मंत्री ने पहनाए पदक* 


 रुद्रपुर की 46 वी वाहिनी पीएसी परिसर में चल रही शूटिंग प्रतियोगिता में मिक्स डबल स्किट इवेंट के विजेताओं को बृहस्पतिवार को खेल मंत्री रेखा आर्या ने पदक पहनाकर सम्मानित किया। खेल मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बहुत कम समय में तैयार की गई शूटिंग रेंज को भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की प्रशंसा मिलना अपने आप में एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि रुद्रपुर आने वाले समय में शूटरों की नर्सरी बनकर उभरेगा।इ




इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा यह शतक : रेखा आर्या*


 *उत्तराखंड ने अब तक के राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में पहली बार जीते सौ पदक* 

*अब तक के बेस्ट 24 पदकों के मुकाबले यह चार गुना से भी ज्यादा*


 *देहरादून 13 फरवरी:* 

38 वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की टीम ने पदकों की सेंचुरी मारकर इतिहास बना दिया है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रदेश के सभी खिलाड़ियों को बधाई दी है।


 एक दिन पहले तक उत्तराखंड की टीम 97 पदक जीत कर एकदम शतक के मुहाने पर आ गई थी। शुक्रवार को एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल समेत तीन पदक जीतकर उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने पदकों का शतक पूरा कर लिया। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पदकों की संख्या के मामले में अभी तक उत्तराखंड का सर्वाधिक स्कोर गोवा में 24 पदक  रहा था। अपने पुराने बेस्ट को चार गुना से भी ज्यादा के अंतर से तोड़ना अपने आप में हमारे खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण की कहानी को बताता है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि 9 नवंबर 2023 को जैसे ही उत्तराखंड को 38वीं नेशनल गेम्स की मेजबानी की औपचारिक रूप से जिम्मेदारी मिली थी, उसके बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने खिलाड़ियों के पक्ष में उन बड़े फैसलों से माहौल को बदलना शुरू किया, जिनका नतीजा आज देखने को मिल रहा है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना, पदक जीतने पर आउट ऑफ टर्म नौकरी, सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को 4% आरक्षण, पदक विजेताओं को दोगुनी इनाम राशि, खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज जैसी योजनाओं ने देवभूमि को खेल भूमि बनने की तरफ अग्रसर कर दिया है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश के गांव गांव से जो खेल प्रतिभाएं निखरकर इन राष्ट्रीय खेलों में आगे आई है अब हम उन्हें एशियाड और ओलंपिक में चैंपियन बनने के लिए तैयार करेंगे।


 *पदकों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर पहुंचा उत्तराखंड*


 खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इन राष्ट्रीय खेलों में जीते गए पदकों की संख्या के मामले में उत्तराखंड चौथे नंबर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से देश में 21 वां स्थान रखने वाला राज्य अगर पदकों की संख्या के मामले में चौथे नंबर पर है तो हमारे एथलीट्स की प्रतिभा और उनकी मेहनत पर हर प्रदेशवासी को गौरव होना चाहिए।


 *नेट बाल में सिल्वर जीतते ही पूरी हुई सेंचुरी*

 नेटबॉल के फाइनल मैच में जैसे ही उत्तराखंड की टीम ने बृहस्पतिवार के शाम देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में सिल्वर मेडल जीता, इसके साथ ही उत्तराखंड की मेडल की सेंचुरी पूरी हो गई।


 *यह रहे सेंचुरी के सुपरस्टार*


 इन राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को कुछ ऐसे खिलाड़ी मिले जिन्होंने गोल्ड मेडल की लाइन लगा दी। मॉडर्न पेंटाथ्लान में हमारे दो एथलीट्स सक्षम सिंह और ममता खाती ने एक ही दिन में तीन-तीन गोल्ड मेडल जीतकर गोल्डन हैट्रिक लगाई। अंकित ध्यानी ने एथलेटिक्स में झंडा गाडते हुए पहले 3000 मी स्टीपलचेज इवेंट में गोल्ड जीता और उसके बाद 5000 मीटर दौड में भी अंकिता गोल्ड लेकर आई। कैनोइंग और क्याकिंग में भी पी.सोनिया ऐसी खिलाड़ी रही जिन्होंने दो गोल्ड मेडल जीते हैं।

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